मुंबई, (ईएमएस)। महाराष्ट्र में नये साल में एक जनवरी से सात अप्रैल तक यानि बीते 97 दिन की अवधि में राज्य में रिश्वतखोरी के मामलों में कुल 212 गिरफ्तारियां की गईं, जबकि गबन का एक और भ्रष्टाचार के दो अन्य मामले दर्ज किये गये। रिश्वतखोरी के 215 मामलों में आरोपी कुल 314 लोक सेवकों को गिरफ्तार किया गया है। राजस्व, भूमि अभिलेख, पंजीकरण, पुलिस, पंचायत समिति, सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग, जिला परिषद, नगर निगम और महावितरण विभाग में इस अभियान की संख्या दोहरे आंकड़े में है। यह जानते हुए भी कि रिश्वत देना और लेना अपराध है, सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर रिश्वत का प्रलोभन बहुत अधिक होता है। राज्य में भ्रष्टाचार निरोधक विभाग की विभिन्न टीमें समय-समय पर रिश्वतखोरी के मामलों में दर्ज सूचनाओं एवं शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करती हैं। इस कार्रवाई में पांच सौ रुपये से लेकर लाखों रुपये तक की रिश्वतखोरी के मामले सामने आए हैं। वर्ष के अनुसार कार्रवाई की संख्या (दुरुपयोग, भ्रष्टाचार सहित) 2014 में 1316 कार्रवाई, 2015 में 1279, 2016 में 1016, 2017 में 925, 2018 में 936, 2019 में 891, 2020 में 663, 2021 में 773, 2022 में 749, 2023 में 812 तथा 2024 में 721 मामले सामने आए हैं। * रिश्वतखोरी के मामलों की संख्या में लगातार कमी 2014 और 2024 के बीच की गई कुल गिरफ्तारियों से पता चलता है कि हर साल दर्ज होने वाले रिश्वतखोरी के मामलों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। विशेष रूप से, 2020 में कोरोना अवधि के दौरान 663 कार्रवाई हुए। इसके बाद इसमें फिर से सौ कार्रवाई बढ़ गए। * विभागवार की गई कुल कार्रवाई मुंबई 15, ठाणे 21, पुणे 40, नासिक 45, नागपुर 25, अमरावती 18, छत्रपति संभाजीनगर 31, नांदेड़ 17 इस प्रकार कुल 212 कार्रवाई की गई। * पिछले वर्ष की तुलना में 24 कम कार्रवाई जनवरी से अप्रैल 2024 के बीच कुल 236 ट्रैप ऑपरेशन किए गए। इसमें 347 आरोपी शामिल थे। इस वर्ष इसी अवधि के दौरान लगाए गए ट्रैप की संख्या 212 है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 कम है। संजय/संतोष झा- १६ अप्रैल/२०२५/ईएमएस