दमोह,(ईएमएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले में स्थित मिशन अस्पताल में 7 मरीजों की मौत के आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ डॉ एन जॉन केम को लेकर रोज ही नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अभी तक दूसरे डॉक्टर के नाम और फर्जी डिग्री को लेकर जो खुलासे हुए थे, उससे भी ज्यादा संगीन मामलों का खुलासा अब हुआ है। इस फर्जी डॉक्टर के अलग-अलग नामों वाले तीन पासपोर्ट मिलने की बात सामने आई है। इन पासपोर्टों को भोपाल और ग्वालियर में बनवाया गया है। दमोह में मिशन अस्पताल के 7 मरीजों की मौत के आरोपी डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ डॉ एन जॉन केम के मामले में एक और खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक उनके तीन अलग-अलग नाम वाले पासपोर्ट मिले हैं। इनमें एक पासपोर्ट ऐसा है, जिसकी वैधता समाप्त हो चुकी है, इसमें उसका नाम नरेंद्र यादव लिखा हुआ है। इसके अतिरिक्त उन्होंने दो और पासपोर्ट बनवाए जिनमें उसका नाम नरेंद्र विक्रमादित्य और एन जॉन केम लिखा है। इनमें से एक पासपोर्ट की वैधता 15 अप्रैल 2025 यानी आज मंगलवार को समाप्त हो रही है, जबकि एक अन्य पासपोर्ट की वैधता साल 2027 तक की बताई गई है। इन पासपोर्ट को भोपाल और ग्वालियर से बनवाने की बात सामने आई है। यहां बताते चलें कि ये पासपोर्ट दमोह से नहीं बल्कि आरोपी फर्जी डॉक्टर के प्रयागराज स्थित निवास से पुलिस ने जब्त किए हैं। पुलिस ने जब प्रयागराज से उक्त फर्जी डॉक्टर को हिरासत में लिया था, तब पुलिस को कुछ मोनो और सील भी मिली थीं। एक और खुलासे के अनुसार जब्त किए गए इन पासपोर्टों से आरोपी डॉक्टर ने कई बार विदेश यात्राएं भी कीं। पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही कि आखिर ये पासपोर्ट बने किस तरह से? एक अन्य जानकारी अनुसार आरोपी डॉक्टर के नाम से विदेश में एक कंपनी होने की भी बात निकल कर आई है। इसकी सच्चाई जानने के लिए पुलिस लगी हुई है। इसे लेकर एसपी कार्यालय द्वारा पत्र लिखने की बात कही जा रही है। यहां बताते चलें कि पुलिस ने मिशन अस्पताल की कैथलैब को लेकर भी विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इन तमाम जांचों और सुबूतों के आधार पर एफआईआर में और भी नाम जोड़े जाने की संभावना व्यक्त की गई है। आरोपी का जब्त मोबाईल है चालू फर्जी डॉक्टर को हिरासत में लेने के साथ ही पुलिस ने मोबाइल भी जब्त किया था, जिसकी वह जांच कर रही है। ऐसे में आरोपी डॉक्टर नरेंद्र यादव के वकील सचिन नायक ने दावा किया है कि दो दिन पहले जब उन्होंने डॉक्टर के मोबाइल पर संदेश भेजा था कि कोर्ट की सुनवाई के दौरान वो दमोह आ रहे हैं। इसके जवाब में उन्हें ओके लिखा हुआ संदेश वापस मिला। इस प्रकार गिरफ्तारी के बाद जब्त मोबाईल अभी तक चालू है और पुलिस उनके नंबर पर आने वाले मैसेजों के जवाब भी दे रही। ऐसे में माना यह जा रहा है कि आरोपी डॉक्टर के संपर्क में लोगों की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस ने उनका मोबाइल ऑपरेट किया है। कैथ लैब् किया सील दमोह मिशन अस्पताल मामले में आयोग की जांच में खुलासा हुआ है, कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते 7 लोगों की जानें गईं हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि मिशन अस्पताल की कैथ लैब को सील कर दिया गया है, जहां पर फर्जी डॉक्टर नरेंद्र यादव ने कथित तौर पर ऑपरेशन किए थे और लोगों की जान चली गई थी। यहां बताते चलें कि आरोपी डॉक्टर 17 अप्रैल तक पुलिस रिमांड में है और एसआईटी उससे पूछताछ कर रही है। हिदायत/ईएमएस 15अप्रैल25