राष्ट्रीय
15-Apr-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के शिकोहपुर लैंड डील से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा को दूसरा समन जारी किया है। पहले समन पर वे हाजिर नहीं हुए थे। ईडी वाड्रा की फर्म स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी की कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। यह मामला 2008 की एक जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। रॉबर्ट वाड्रा को लैंड डील मामले में पीएमएलए के तहत ईडी का समन भेजा गया है। इससे पहले 8 अप्रैल को भी बुलाया था पर वाड्रा पहुंचे नहीं थे। ईडी की तरफ से जारी नए समन में 15 अप्रैल को हाजिर होने के आदेश दिए गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी उनकी फर्म स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने इस मामले में पिछले साल मनी लांड्रिंग का एक मामला दर्ज किया था। इसको लेकर पहले भी वाड्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया है, लेकिन पेश न होने के कारण समन जारी किया गया है। ईडी के दूसरे समन के बाद वाड्रा प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के लिए अपने घर से पैदल रवाना हो चुके हैं। जहां उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर हमला बोला है और कहा कि सरकार बदले के तहत कारवाई कर रही है। मुझे नहीं पता कि दोष क्या है। जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुझे कुछ भी छिपाने की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 20 साल से अब तक उन्हें कुछ भी नहीं मिला है, अगर कुछ है तो सामने लाया जाए। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के शिकोहपुर भूमि सौदे से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में रॉबर्ट वाड्रा को मंगलवार को दूसरा समन भेजा है। वाड्रा पहले समन पर हाजिर नहीं हुए थे, जो 8 अप्रैल को जारी किया गया था। केंद्रीय जांच एजेंसी उनकी फर्म स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी से संबंधित कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि हमने ईडी से कहा कि हम अपने दस्तावेज व्यवस्थित कर रहे हैं, मैं हमेशा यहां रहने के लिए तैयार हूं। मुझे उम्मीद है कि आज कोई निष्कर्ष निकलेगा। मामले में कुछ भी नहीं है। जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं, तो मुझे रोक दिया जाता है, राहुल को संसद में बोलने से रोका जाता है। बीजेपी ऐसा कर रही है। यह एक राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने कहा कि लोग मुझे प्यार करते हैं और चाहते हैं कि मैं राजनीति में शामिल हो जाऊं। जब मैं राजनीति में शामिल होने की इच्छा व्यक्त करता हूं, तो वे मुझे नीचे गिराने और वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए पुराने मुद्दे उठाते हैं। मामले में कुछ भी नहीं है। पिछले 20 वर्षों में मुझे 15 बार बुलाया गया और हर बार 10 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई। 23000 दस्तावेजों को व्यवस्थित करना आसान नहीं है। ईडी के अनुसार, वाड्रा की कंपनी ने फरवरी 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ का प्लॉट 7.5 करोड़ रुपये में खरीदा था। वाड्रा की कंपनी ने इसके बाद, इस जमीन को रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। इससे हुई इनकम से मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। केंद्रीय एजेंसी इस अप्रत्याशित प्रोफिट के पीछे की जांच कर रही है। आंबेडकर जयंती के मौके पर वाड्रा ने राजनीति में एंट्री को लेकर अपनी इच्छा जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि आने वाले समय में इसके लिए पूरी ताकत के साथ काम किया जाएगा। अगर जनता चाहती है तो मैं पूरी कोशिश करूंगा। हालांकि अपनी राजनीतिक एंट्री को लेकर वे कई बार इच्छा जाहिर कर चुके हैं। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/15/अप्रैल /2025