रायपुर(ईएमएस)। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय ठाकुर ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद, राजभवन को 76 प्रतिशत आरक्षण संशोधन विधेयक पर जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए। 76 प्रतिशत आरक्षण लागू होने से ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत, ईडब्ल्यूएस वर्ग को 4 प्रतिशत, एसटी वर्ग को 32 प्रतिशत और एससी वर्ग को 13 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। कांग्रेस सरकार ने यह विधेयक विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया था, लेकिन अब इसे 2 साल से ज्यादा समय हो चुका है और यह राजभवन में लंबित है। धनंजय ठाकुर ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा को स्पष्ट करना चाहिए कि वह ओबीसी, ईडब्ल्यूएस, एससी और एसटी वर्ग को आरक्षण देने के पक्ष में है या नहीं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने नगरी निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में ओबीसी वर्ग के आरक्षण में गड़बड़ी की है, जहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए एक भी ओबीसी आरक्षित नहीं किया गया। उन्होंने तमिलनाडु का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की सरकार ने राजभवन में लंबित विधेयकों को कानून का दर्जा दे दिया, जिससे आम जनता को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया। अब सवाल यह उठता है कि क्या छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार भी तमिलनाडु सरकार की तर्ज पर राजभवन में लंबित विधेयकों को कानूनी दर्जा देगी और 76 प्रतिशत आरक्षण विधेयक को लागू करेगी, या फिर भाजपा एक बार फिर षड्यंत्र रचेगी जैसा कि उसने पहले किया था। धनंजय ठाकुर ने भाजपा से जल्द अपना रुख स्पष्ट करने की अपील की, क्योंकि प्रदेश की जनता 76 प्रतिशत आरक्षण का इंतजार कर रही है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)15 अप्रैल 2025