- श्रद्धांजलि अर्पित कर राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी समेत अनेक नेताओं ने किया याद - बाबा साहब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत नई दिल्ली, (ईएमएस)। संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर संसद भवन परिसर समेत देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत प्रमुख नेताओं और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बाबा साहेब को श्रद्धांजलि अर्पित की है। राजधानी दिल्ली स्थित संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी, जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू सहित अनेक प्रमुख नेताओं ने बाबासाहेब को पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर बौद्ध भिक्षुओं की उपस्थिति में मंत्रोच्चारण हुआ और नेताओं ने उनसे आशीर्वाद भी प्राप्त किया। संसद भवन का यह दृश्य आज संविधान की आत्मा और समानता के संदेश से ओतप्रोत रहा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देशवासियों को संबोधित करते हुए लिखा, कि हमारे संविधान के निर्माता बाबासाहेब भीमराव रामजी आंबेडकर की जयंती के अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। उन्होंने आगे कहा, बाबासाहेब ने कठिन परिस्थितियों का सामना करते हुए भी अपनी असाधारण प्रतिभा से दुनिया में सम्मान प्राप्त किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने अपने संघर्ष और समर्पण से जो मुकाम हासिल किया, वह आज भी सभी को प्रेरित करता है। वह केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री, शिक्षक, कानूनविद और समाज सुधारक भी थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया पर डॉ. आंबेडकर को याद करते हुए लिखा, सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं।सामाजिक न्याय और आत्मनिर्भर भारत के उनके विचार आज भी हमारे पथप्रदर्शक हैं। डॉ. आंबेडकर की जयंती के अवसर पर देशभर में रैलियों, संगोष्ठियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं। सभी उपेक्षित आंबेडकरवादी बनें : मायावती बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी और कहा कि देश के सभी दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और अन्य उपेक्षित वर्गों को वास्तव में मिशनरी आंबेडकरवादी बनना होगा। डॉ आंबेडकर के विचार लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव : ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से डॉ. आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, भारत के संविधान निर्माता को सादर नमन। उनके विचार आज भी हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था की नींव हैं। मध्यप्रदेश के महू (अब डॉ. अंबेडकर नगर) में 14 अप्रैल 1891 में एक दलित परिवार में जन्मे डॉ. आंबेडकर ने समाज में व्याप्त विषमता और भेदभाव के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने उच्च शिक्षा विदेश में प्राप्त की और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने। 1956 में उनका निधन हो गया, लेकिन उनके विचार और कार्य आज भी समाज सुधार की दिशा में प्रेरणा देते हैं। हिदायत/ईएमएस 14अप्रैल25