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14-Apr-2025
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- सोना 1 लाख पार और चांदी पहुंचेगी 1.30 लाख के करीब! नई दिल्ली (ईएमएस)। 2025 की शुरुआत से अब तक सोने की कीमतों ने निवेशकों को चौंका दिया है। सिर्फ 95 दिनों में सोने ने करीब 14,852 रुपए प्रति 10 ग्राम का जबरदस्त उछाल दर्ज किया, और 93,353 रुपए प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई तक जा पहुंचा। इसके बाद कीमतों में हल्की गिरावट भी देखी गई, लेकिन फिर से बाजार ने रिकवरी की और सोना चर्चा का केंद्र बन गया है। 1 जनवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 76,162 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जी की 12 अप्रैल 2025 को बढ़कर 93,353 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई। यानी 94 दिनों में करीब 20% का रिटर्न सोने ने दिया। इस तेजी के दौरान सोना कई बार गिरा भी। 7 और 8 अप्रैल को कीमतों में 2,464 रुपए की गिरावट देखी गई। लेकिन 9 अप्रैल से फिर उछाल शुरू हुआ और सोना नए शिखर पर पहुंच गया। सोने में हुई अचानक गिरावट कई कारणों से हुई जिसमें ट्रम्प और चीन के बीच टैरिफ घमासान, अमेरिकी नीतियों को लेकर अनिश्चितता, डॉलर की मजबूती और इक्विटी मार्केट की अस्थिरता के साथ साथ निवेशकों का रुझान शेयर बाजार की ओर प्रमुख कारण थे। विशेषज्ञों के अनुसार ट्रम्प की अपारदर्शी टैरिफ नीति से सोने की कीमतें दबाव में आईं। लेकिन अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की बढ़ती आशंका के चलते दोबारा सोना ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इसके साथ ही वैश्विक बाजार में मंदी की चिंता, डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी ने एक बार फिर लोगों का भरोसा सोने पर बढ़ा दिया और सोने को फिर निवेशकों की पसंद बना दिया। इंटरनेशनल मार्केट में भी सोने ने तेजी पकड़ी है। जहां जनवरी में सोने रेट 2,633 डॉलर प्रति औंस था जो की अप्रैल में 3,230 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया। यह तेजी दर्शाती है की भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में सोने का बूम जारी है। -2025 में कहाँ पहुंचेगी सोने की कीमत विशेषज्ञों की माने तो भारत में 99,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 3,000 डॉलर प्रति औंस से ऊपर सोने की कीमत पहुचेंगी। सोने की कीमतों में उछाल के पीछे 4 बड़े कारण बताये जा रहे है। जिसमें दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की खरीदारी, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावना, टैरिफ वापसी की आशंका और जियोपॉलिटिकल तनाव प्रमुख कारण है। विशेषज्ञ की सलाह है यदि लॉन्ग टर्म निवेशक हैं, तो यह समय उचित है। लेकिन शॉर्ट टर्म लाभ के लिए जोखिम भी बढ़ सकता है। शॉर्ट टर्म निवेश के लिए बड़े निवेशकों की चाल, डॉलर की स्थिति और वैश्विक बाजार की अनिश्चितता, इन पर नजर रखना जरूरी है। - दुनिया भर के देश खरीद रहे सोना वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और भू-राजनीतिक तनावों के बीच दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोने की ओर रुख कर रहे हैं। 2022 के मुकाबले 2025 में अब तक सोने की सरकारी खरीद तीन गुना बढ़ चुकी है। कई देशों के केंद्रीय बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में विविधता लाने के लिए गोल्ड रिज़र्व बढ़ा रहे हैं। भारत में 2024 में करीब 850 मीट्रिक टन सोने की खपत दर्ज की गई। वहीं, 2025 की शुरुआत में ही सोना करीब 20% रिटर्न के साथ निवेशकों की पहली पसंद बन गया है। - चांदी बनाएगी नया रिकॉर्ड! सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है और अब इसका ट्रेंड संकेत दे रहा है कि जल्द ही यह 1,30,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। 1 जनवरी 2025 को 86,017 रुपये प्रति किलोग्राम था जो की 12 अप्रैल 2025 को बढ़कर 92,929 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गया। यानी अब तक 6,912 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके बीच, 28 मार्च को चांदी ने ₹1,00,934 प्रति किलो का ऑल टाइम हाई भी बना दिया था। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की कीमतों में तेजी की तीन मुख्य वजह सोने और चांदी के रेश्यो में बदलाव है। जनवरी 2025 में सोने-चांदी का रेश्यो 89.3% था। विशेषज्ञ की माने तो आने वाले समय में यह रेश्यो घटेगा, जिससे चांदी की कीमतों में और उछाल आएगा। दूसरी वजह भारत में शादी और त्योहारों के सीजन में चांदी की मांग में जोरदार बढ़ोतरी होती है। तीसरी वजह चांदी की इंडस्ट्रियल डिमांड का बढ़ना। इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर एनर्जी और मेडिकल उपकरणों में चांदी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। इससे भी मांग को सपोर्ट मिल रहा है। बाजार विश्लेषकों ने ईएमएस को बताया कि यदि ग्लोबल अस्थिरता और इंडस्ट्रियल डिमांड बनी रही, तो 2025 के अंत तक चांदी 1,30,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। लॉन्ग टर्म निवेश के लिए चांदी एक शानदार विकल्प बनकर उभरी है और सोने के मुकाबले कम बजट में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखती है। निवेशक अगर सुरक्षित लेकिन रिटर्न देने वाले विकल्प की तलाश में हैं, तो चांदी इस वक्त बेहतरीन दांव साबित हो सकती है। कीमतों की चाल और विशेषज्ञों के अनुमान बताते हैं कि 2025 चांदी के लिए चमकता साल बन सकता है।