इस्तीफा देने की स्थान पर अपना ज्ञान बघार रहे हैं तिरुवनंतपुरम (ईएमएस) । केरल के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे न्यायिक अतिरेक की संज्ञा दी है। उन्होंने एक नई बात कह दी है। जब सुप्रीम कोर्ट संविधान में संशोधन करेगी,तो संसद और विधानसभा क्या करेंगी। जिस राज्यपाल को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद तुरंत अपना इस्तीफा देना चाहिए था। वह खुद सुप्रीम कोर्ट को कटघरे में खड़ा कर रहा है।सुप्रीम कोर्ट ने संविधान की व्याख्या करते हुए राज्यपाल और राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्य का पालन नहीं किया जा रहा था। उसकी सीमा रेखा तय की है। केरल के राज्यपाल केरल विधानसभा का अपमान कर रहे थे। उसके बाद भी उन्हें शर्म नहीं आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने मनमानी खत्म की जा सके, संविधान के अनुच्छेद का पालन कराया जा सके। राज्यपाल ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संविधान संशोधन बता दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में कोई संशोधन नहीं किया है। संवैधानिक पदों पर बैठे हुए लोग किस तरह से अपने संवैधानिक पदों का निर्वहन करें। इसकी व्याख्या तय की गई है। केरल के राज्यपाल शर्मिंदा होने के स्थान पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। जब राज्यपाल को इतना भी ज्ञान नहीं है। उनके इस बयान ने यह साबित कर दिया है। वह एक पल भी राज्यपाल के पद पर रहने लायक नहीं है। एस जे/13अप्रैल2025