ज़रा हटके
13-Apr-2025
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टोक्यो (ईएमएस)। अब जापान के पास समुद्र के नीचे एक ऐसी रहस्यमयी संरचना मिली है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। यह पिरामिड जैसी संरचना जापान के रायुक्यू द्वीपों के पास पाई गई है, जिसे चोनागुनी मॉन्यूमेंट कहा जा रहा है। इसकी ऊंचाई करीब 24.99 मीटर बताई जा रही है और यह सीढ़ीनुमा पत्थरों से बनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कोई साधारण खोज नहीं है। कई एक्सपर्ट्स का दावा है कि यह मानव निर्मित संरचना हो सकती है और यह बात इस ओर इशारा करती है कि अज्ञात प्राचीन सभ्यताओं को अब तक हमने गंभीरता से नहीं लिया है। यह संरचना पत्थरों से बनी हुई है और इसकी उम्र लगभग दस हजार साल बताई जा रही है, जो मिस्र के पिरामिडों और पाषाण युग से भी कहीं पुरानी है। यह संभावना जताई जा रही है कि यह सभ्यता उस समय की हो सकती है जब हिम युग समाप्त होने के बाद समुद्र का जल स्तर नहीं बढ़ा था। इस संरचना की तुलना मिथकीय एटलांटिस नगरी से भी की जा रही है। शोधकर्ता ग्राहम हेनकॉक ने इसे एक चौंकाने वाली खोज बताया है, जबकि कुछ विशेषज्ञ जैसे फ्लिंट डिबिल का मानना है कि यह प्राकृतिक रूप से बनी आकृति भी हो सकती है। हालांकि जापानी भूगर्भशास्त्री डॉ मासाकी किमूरा का मानना है कि इसे नजरअंदाज करना जल्दबाजी होगी। उनका दावा है कि यदि यह मानव निर्मित संरचना साबित होती है तो यह इंडोनेशिया की गुनुंग पैडांग या तुर्की की गोबेक्ली टेपे की तरह ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद अहम हो सकती है। चाहे यह संरचना प्राकृतिक हो या मानव निर्मित, एक बात तो तय है कि यह स्थान अब विश्व के लिए एक नया रहस्यमयी आकर्षण बन चुका है, और इसके रहस्य से पर्दा उठना अभी बाकी है। बता दें कि दुनिया की सतह पर अब शायद ही कोई ऐसी जगह बची हो जहां से इतिहास की परतें नहीं उधेड़ी गई हों। इतिहास के विशेषज्ञ जमीन के भीतर की खुदाई से लेकर समुद्र की गहराइयों तक में छुपे रहस्यों की तलाश में जुटे रहते हैं। सुदामा/ईएमएस 13 अप्रैल 2025