नई दिल्ली (ईएमएस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कपड़ा और फैशन कारोबार में बहुजनों की उपेक्षा का मुद्दा उठाकर कहा कि इस क्षेत्र में बहुजन समुदाय का न प्रतिनिधित्व है, न ही उनके पास शिक्षा और नेटवर्क की पहुंच है। उन्होंने मुद्दे को समाज में व्याप्त सामाजिक असमानताओं और अन्याय के संदर्भ में बताया। उनका कहना था कि इस स्थिति में काबिल युवाओं को भी उचित मौके नहीं मिल पाते। दरअसल राहुल गांधी ने अपनी हालिया यात्रा के दौरान एक कपड़ा डिजाइन फैक्ट्री का दौरा किया था। इस दौरे की वीडियो क्लिप उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर साझा की। वीडियो में उन्होंने फैक्ट्री से जुड़े एक व्यक्ति से की गई बातचीत का जिक्र किया। राहुल ने बताया कि फैक्ट्री में काम कर रहे व्यक्ति ने कहा था, मैं आज तक कपड़ा डिजाइन के उद्योग में किसी ओबीसी (अवधि में पिछड़ा वर्ग) से नहीं मिला। यह बात उस युवा व्यापारी ने मुझसे कही, जो कि अपनी कड़ी मेहनत और हुनर के दम पर इस क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। राहुल गांधी ने कहा कि इस युवा के पास सुई और धागे से काम करने का अद्भुत हुनर था, लेकिन उसकी मेहनत की कोई कद्र नहीं हो रही थी। वे 12-12 घंटे काम करता था, लेकिन उद्योग में उसकी मेहनत और हुनर का उचित मूल्यांकन नहीं हो रहा था। राहुल ने कहा कि बाकी उद्योगों की तरह कपड़ा और फैशन उद्योग में भी बहुजनों का प्रतिनिधित्व न के बराबर है। उनका कहना था कि यह क्षेत्र उन युवाओं के लिए बहुत ही अवसरहीन बना हुआ है, जो मेहनत करने के बावजूद अपनी स्थिति सुधारने में असमर्थ हैं। राहुल गांधी का कहना था कि इसतरह के काबिल युवा ‘अन्याय के चक्रव्यूह’ में फंसे हुए हैं, जिनका कोई मोल नहीं है। राहुल गांधी ने सिस्टम की गलती बताकर कहा कि इन हुनरमंद युवाओं को समाज में उचित स्थान नहीं मिल पा रहा। राहुल गांधी ने अपनी इस लड़ाई को सामाजिक न्याय और श्रम के सम्मान के संघर्ष के रूप में पेश किया। उनका कहना था कि इस अन्याय को खत्म करने की जरूरत है, ताकि हर हुनरमंद युवा को अपनी मेहनत का उचित फल मिल सके और वह सिस्टम में अपना स्थान पा सके। उन्होंने कहा, मेरी लड़ाई इसी चक्रव्यूह को तोड़ने की है, ताकि हर हुनरमंद को सिस्टम में घुसने का रास्ता मिल सके। राहुल गांधी ने जोर देकर कहा कि कपड़ा और फैशन उद्योग में भी बहुजन समुदाय के युवाओं को मौका मिलना चाहिए, ताकि उनका हुनर और मेहनत सराहा जा सके। राहुल गांधी ने इस पूरे मुद्दे को उठाकर फिर बहुजन समाज के लिए शिक्षा, रोजगार और समाज में अवसरों की कमी को प्रमुखता से पेश किया। आशीष दुबे / 12 अप्रैल 2025