लंदन (ईएमएस)। गंभीर मोटापे से ग्रसित लोगों को 16 आम स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में कहीं अधिक होता है। अमेरिका में हुए ताजा शोध में यह पाया गया कि जैसे-जैसे किसी व्यक्ति का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) बढ़ता है, वैसे-वैसे विभिन्न बीमारियों के होने की संभावना भी बढ़ती जाती है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए इस शोध में अमेरिका के 2.7 लाख से अधिक लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया। विशेषज्ञों के अनुसार जब किसी व्यक्ति का बीएमआई 40 या उससे अधिक होता है, या फिर 35 से अधिक के साथ मोटापे से जुड़ी कोई बीमारी मौजूद होती है, तो इसे गंभीर मोटापा या क्लास 3 स्तर का मोटापा कहा जाता है। इस स्तर का मोटापा शरीर के लगभग हर अंग पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। अध्ययन के अनुसार मोटापे से जिन 16 बीमारियों के होने की आशंका सबसे अधिक बढ़ जाती है, उनमें नींद में सांस रुकना (स्लीप एप्निया), टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लिवर प्रमुख हैं। इनके अलावा उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, अनियमित दिल की धड़कन, हार्ट फेलियर, क्रोनिक किडनी डिजीज, ब्लड क्लॉट, गाउट, पित्त की पथरी, दमा, गैस्ट्रिक रिफ्लक्स और ऑस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्याएं भी मोटापे से सीधी तौर पर जुड़ी पाई गईं। शोधकर्ताओं ने तीन श्रेणियों में मोटापे से ग्रसित लोगों का आंकलन किया। पहली श्रेणी में 21.2 प्रतिशत, दूसरी में 11.3 प्रतिशत और तीसरी, यानी गंभीर मोटापे की श्रेणी में 9.8 प्रतिशत लोग थे। सभी श्रेणियों में यह स्पष्ट हुआ कि मोटापे का स्तर जैसे-जैसे बढ़ता गया, इन 16 बीमारियों का जोखिम भी उसी अनुपात में बढ़ता गया। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह अध्ययन स्वास्थ्य नीतियों और इलाज की दिशा को लेकर नई योजनाएं बनाने में मददगार साबित हो सकता है। सुदामा/ईएमएस 12 अप्रैल 2025