11-Apr-2025
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मॉस्को (ईएमएस)। रूसी लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-35, जो एक अत्याधुनिक मल्टीरोल फाइटर जेट है, वहां दुनिया के वैश्विक रक्षा बाजार में तेजी से अपनी जगह बना रहा है। हाल ही में लड़ाकू विमान की डिलीवरी अल्जीरिया को की गई है, जो रूस के साथ अपने सैन्य संबंधों को बेहतर बना रहा है। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रेटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) ने पुष्टि की है कि अल्जीरिया में रूसी सुखोई एसयू-35 को अपने एयरफोर्स में शामिल किया है। 10 मार्च को अल्जीरिया के एल बुआघी एयर बेस एक एसयू-35 की तैनाती की पुष्टि की गई। एसयू-35 एक 4.5-पीढ़ी का फाइटर जेट है, जो अत्याधुनिक एवियोनिक्स, थ्रस्ट-वेक्टरिंग इंजन और लंबी दूरी की रडार प्रणाली से लैस है। यह विमान हवा से हवा और हवा से जमीन दोनों प्रकार के मिशनों को अंजाम दे सकता है। लिहाजा कई देशों के एयरफोर्स बेड़े के लिए ये फाइटर जेट काफी शानदार साबित होता है। रिपोर्ट के मुताबिक अल्जीरिया ने हाल ही में एसयू-35 फाइटर जेट्स की पहली खेप हासिल की है। यह विमान पहले मिस्र के लिए बने थे, लेकिन पश्चिमी देशों के दबाव की वजह से मिस्र ने अंत में फाइटर जेट खरीदने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद अब ये विमान अल्जीरिया की वायु सेना में शामिल हो गए हैं, जिससे देश की हवाई शक्ति में वृद्धि हुई है। कई स्रोतों से पता चला है कि अल्जीरिया ने रूस के साथ 24 एसयू-35 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए डील किया हुआ है। हालांकि अल्जीरियाई सरकार ने कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की है, जिससे पता चलता है कि ये सौदा काफी सीक्रेट अंदाज में की गई है। ईरान ने भी रूसी फाइटर जेट खरीदने की घोषणा कर रखी है, जो अपनी वायुसेना के पुराने हो चुके विमानों से जूझ रहा है। अक्टूबर 2020 के बाद ईरान ने काफी तेजी से रूस के साथ सैन्य संबंध बनाए हैं। खासकर यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद ईरान को लेकर रूस का विश्वास काफी बढ़ गया है। कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ईरान ने भारी मात्रा में गोला बारूद रूस को सौंपे हैं। एक रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि विमान को पहले मॉड्यूलर कंपोनेंट्स में बांटा गया और फिर कड़ी सुरक्षा के बीच रूसी वायु सेना ने तेहरान के मेहराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ले जाया गया। हमादान एयर बेस में पहुंचने के बाद एक बार फिर से फाइटर जेट को एसेंबल किया गया। ईरान इन एसयू-35एसई विमानों को इस्फ़हान में तैनात किया हुआ है। ऐसी रिपोर्ट है कि ईरान ने कम से कम 24 एसयू-35 का ऑर्डर रूस को दे रखा है, ताकि वे अपने एयरफोर्स बेड़े को मजबूत कर सके। एसयू-35 की बढ़ती मांग रूस के लिए एक रणनीतिक सौदा बन चुका है। यह विमान उन देशों के लिए आकर्षक विकल्प बन गया है जो पश्चिमी हथियार प्रणालियों पर निर्भरता कम करना चाहते हैं। एसयू-35 की तकनीकी क्षमताएं और रूस का आसान बिक्री सिस्टम देशों के लिए इस फाइटर जेट को खरीदना काफी आसान कर देता है। चीन, ईरान और अल्जीरिया का एसयू-35 पर विश्वास जताना बताता है कि ये फाइटर जेट न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत है, बल्कि यह रूस के लिए रणनीतिक साझेदारियों को मजबूत करने का एक साधन भी बन गया है। आशीष दुबे / 11 अप्रैल 2025