नई दिल्ली (ईएमएस)। 40 की उम्र से पहले हर आठ में से एक पुरुष ऐसे हैं जिनमें स्पर्म की संख्या सामान्य से कम पाई जाती है। यही वजह है कि इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ रही है और दंपति आईवीएफ जैसे विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, आजकल पुरुषों की प्रजनन क्षमता तेजी से गिर रही है, और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल को माना जा रहा है। यह भी चौंकाने वाली बात है कि गर्भधारण में दिक्कत झेल रही महिलाओं में से करीब 40 प्रतिशत मामलों में पुरुषों की वजह से समस्या सामने आती है। एक स्वस्थ पुरुष में एक मिलीलीटर सीमेन में कम से कम 15 मिलियन यानी डेढ़ करोड़ शुक्राणु होने चाहिए, लेकिन आधुनिक जीवनशैली के चलते यह आंकड़ा लगातार गिरता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 50 वर्षों में पुरुषों की फर्टिलिटी में भारी गिरावट दर्ज की गई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि खानपान, तनाव, नींद की कमी और फिजिकल एक्टिविटी में कमी जैसे कारक इसका मुख्य कारण हैं। हालांकि कुछ साधारण बदलावों से पुरुष अपनी स्पर्म क्वालिटी को सुधार सकते हैं। सबसे पहले खानपान में टमाटर को शामिल करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसमें लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो स्पर्म की शेप और मूवमेंट में सुधार करता है। टमाटर का सूप या सॉस इसके लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। इसके अलावा, नियमित रूप से व्यायाम करने से भी स्पर्म काउंट में सुधार होता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि जो पुरुष रेगुलर एक्सरसाइज करते हैं, उनके स्पर्म काउंट में 33 फीसदी ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है। वहीं जो पुरुष मोबाइल फोन का अधिक इस्तेमाल करते हैं, उनका स्पर्म काउंट प्रभावित हो सकता है क्योंकि मोबाइल से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाती हैं। इसी तरह गर्भधारण की योजना बना रहे दंपतियों को ल्यूब्रिकेंट्स के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इनमें मौजूद केमिकल स्पर्म की क्वालिटी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सुदामा/ईएमएस 10 अप्रैल 2025