10-Apr-2025
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सहारा (ईएमएस)। ताजा शोध में चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि आज जो अरब क्षेत्र दुनिया के सबसे सूखे और गर्म रेगिस्तानों में गिना जाता है, वह कभी हरियाली, झीलों और नदियों से भरा था। इस दावे के प्रमाण के रूप में वैज्ञानिकों ने ऐसे अवशेष खोजे हैं जो बताते हैं कि लगभग 9000 साल पहले यह इलाका खूब बारिशों से तरबतर हुआ करता था। इस शोध को डॉ. अब्दुल्लाह ज़की, प्रोफेसर सेबेस्टियन कास्टेलटोर्ट (जिनेवा विश्वविद्यालय), प्रोफेसर अब्दुलकादेर अफीफी (केएयूएसटी) और प्रोफेसर माइकल पेट्राग्लिया (ग्रिफिथ विश्वविद्यालय) ने मिलकर अंजाम दिया है। उन्होंने पुराने भूगर्भीय और जलवायु अवशेषों की मदद से एक बड़ी झील, नदियों और पानी से बनी घाटी का पता लगाया है। अध्ययन के मुताबिक, यह जलस्रोत शुरुआती होलोसीन काल (करीब 11,000 से 5,500 साल पहले) के दौरान अस्तित्व में आए थे, जब सूरज की रोशनी और पृथ्वी की जलवायु में बड़े बदलाव हो रहे थे। लगभग 9000 साल पहले यह झील अपने पूर्ण आकार में थी, जो करीब 1100 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली थी और जिसकी गहराई लगभग 42 मीटर तक मापी गई है। भारी बारिश के चलते इस झील का पानी अपने किनारों से बाहर बह निकला और इसके कारण लगभग 150 किलोमीटर लंबी एक घाटी बन गई। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह बारिश अफ्रीका से आने वाली मजबूत मानसूनी हवाओं के कारण हुई थी, जिसे आज भी 1,100 किलोमीटर दूर तक ट्रेस किया जा सकता है। प्रोफेसर पेट्राग्लिया के अनुसार, यह खोज न सिर्फ मौसम की ऐतिहासिक तस्वीर को उजागर करती है, बल्कि यह भी बताती है कि उन दिनों यहां मानव गतिविधियां भी काफी तेज़ थीं। लोग शिकार, संग्रह और पशुपालन के जरिए जीविका चलाते थे। सुदामा/ईएमएस 10 अप्रैल 2025