:: महिला प्रकोष्ठ अग्रवाल समाज के आयोजन में 100 से अधिक सखियों ने डांस, मस्ती और धमाल के साथ बताई अपनी प्रतिभा :: इन्दौर (ईएमएस)। महिला प्रकोष्ठ अग्रवाल समाज की ओर से अपने ‘लव यू जिंदगी’ कार्यक्रम के छठे सत्र का शुभारंभ बुधवार को अनूठे अंदाज में हुआ, जब 100 से अधिक सखियों ने अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर अपने समूह की सखियों से नितांत नए और अजनबी विषय ‘ब्लांईड डेट’ पर बातचीत कर यह साबित किया कि उनमें भी भरपूर आत्मविश्वास और नए लोगों से संवाद स्थापित करने की क्षमता है। लव यू जिंदगी के इस आयोजन में सखियों न केवल पुरस्कार जीते, बल्कि डांस, मस्ती, धमाल और तम्बोला का भी आनंद लिया और अपनी प्रतिभा का भी बेहतर प्रदर्शन किया। प्रकोष्ठ की प्रमुख प्रतिभा मित्तल ने बताया की होटल सयाजी पर समाजसेवी ऋतु ग्रोवर एवं सौंदर्य विशेषज्ञ श्रीमती उन्नतिसिंह के आतिथ्य में आयोजित ‘ लव यू जिंदगी ’ के इस नए सत्र में सबसे पहले नई सखियों का आपस में परिचय का दौर हुआ। इसके बाद मौजूदा सखियों को 6-6 के समूहों में बांटकर एक-एक कैप्टन सहित 16 समूहों में उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर ‘ब्लांईड डेट’ का अनूठा खेल शुरू किया गया, जिसमें सखियों को नहीं पता था कि वे किनसे बातचीत कर रही हैं। उन्हें केवल एक विषय बताया गया था, जिस पर उन्हें 10 मिनट तक अपने समूह में संवाद करना था। सखियों के प्रदर्शन के आधार पर नितिन राठी, आंचल राठी और लेमन ड्रॉप के सौजन्य से पुरस्कारों की घोषणा की गई, जिसमें ग्रुप एक में शामिल राखी अग्रवाल, साधना, कीर्ति, वंदना, सलोनी, नीता, निकिता तथा ग्रुप दो में शामिल राधिका, तारू, प्रणीता, मोनिका, आरूषी, श्वेता एवं स्वाति को विजेता घोषित किया गाय। इसी तरह लकी ड्रा में राखी मित्तल, अदिति गर्ग, प्रियंका यादव, मधु डालमिया, शीतल गोयल, राखी अग्रवाल, वंदना वाधवानी एवं शिल्पा अग्रवाल ने पुरस्कार हांसिल किए। कार्यक्रम स्थल की साज-सज्जा भी देखने लायक थी, जिसकी कल्पना शुचिता अग्रवाल ने की थी। संचालन हुसैना ने किया और आभार माना अलका अग्रवाल ने। कार्यक्रम के लिए ड्रेस कोड लेवेन्डर लवली रखा गया था। स्पर्धा के बाद सखियों ने तम्बोला, आईस ब्रेकर एक्टिविटी, फोटोग्राफी तथा डांस, मस्ती और धमाल के साथ अपने इस पहले सत्र का जी भरकर लुत्फ उठाया। उमेश/पीएम/9 अप्रैल 2025 संलग्न चित्र - इन्दौर। महिला प्रकोष्ठ अग्रवाल समाज के ‘लव यू जिंदगी’ कार्यक्रम में ब्लाइंड डेट में आंखों पर पट्टी बांधकर अलग-अलग समूहों में संवाद करती सखियां।