राष्ट्रीय
09-Apr-2025
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लखनऊ (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश की पावन धरती जैन तीर्थंकरों की भूमि रही है। अयोध्या में भगवान ऋषभदेव का जन्म हुआ, जो अयोध्या के राजा थे। अयोध्या में ही पांच तीर्थंकरों ने जन्म लिया। वहीं, काशी की धरती पर भी तीर्थंकर का जन्म हुआ है। हमारे तीर्थंकरों ने यहीं से धर्म और साधना की परंपरा को पूरी दुनिया में आगे बढ़ाया। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी में विश्व नमोकार महामंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यकम के दौरान कही। शांति, ऊर्जा, सकारात्मकता और विश्व कल्याण के लिए कार्यक्रम का आयोजन जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (जिटो) की ओर से किया गया। सीएम योगी ने इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिए गए प्रेरणादायक संदेश का उल्लेख किया। सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी ने हमारे जीवन में नमोकार महामंत्र को उतारने के लिए 9 संकल्प बताए हैं, जिन्हें समाज के हर व्यक्ति को अपनाना चाहिए। उन्होंने भगवान महावीर जयंती की शुभकामनाएं भी दीं और जैन धर्म की अहिंसा और परोपकार की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने की अपील की। उन्होंने नमोकार महामंत्र के महत्व को बताकर कहा कि यह महामंत्र भौतिक, दैवीय और आध्यात्मिक तीनों प्रकार के दुखों से मुक्ति दिलाने का साधन है। साधना, आत्मशुद्धि और लोक कल्याण की भावना से जुड़कर व्यक्ति न केवल स्वयं का कल्याण करता है, बल्कि समाज और दुनिया के लिए भी प्रेरणा बनता है। सीएम योगी ने कहा कि सभी 24 तीर्थंकरों का जीवन लोककल्याण के लिए समर्पित रहा है। उन्होंने अपने उपदेशों और साधना के माध्यम से जीवन जीने की एक उच्च परंपरा दुनिया के सामने रखी। जैन धर्म की ये शिक्षाएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। हर भारतीय को उनसे प्रेरणा लेकर अपने जीवन में अपनाना चाहिए। मुख्यमंत्री योगी ने विश्व नमोकार महामंत्र दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहली बार पूरी दुनिया में विश्व नमोकार महामंत्र दिवस का एक साथ आयोजन कर जैन धर्म की शिक्षाओं को वैश्विक मंच पर स्थापित किया गया है। यह सभी के लिए प्रेरणा का माध्यम बनेगा। आशीष दुबे / 09 अप्रैल 2025