अहमदाबाद,(ईएमएस)। कांग्रेस पार्टी का 84वां अधिवेशन आज अहमदाबाद के साबरमती रिवरफ्रंट पर अपने दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। अधिवेशन की शुरुआत झंडावंदन के साथ हुई, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की उपस्थिति रही। इसके बाद पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और देशभर से आए 1700 से अधिक प्रतिनिधियों के बीच विचार-विमर्श का दौर शुरू हो गया। इस ऐतिहासिक अधिवेशन की थीम है ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण, और संघर्ष’, जो कांग्रेस की आगामी राजनीतिक रणनीतियों और जनसंघर्ष के संकल्प को दर्शाती है। पार्टी के अनुसार, यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को पुनर्गठित करने और 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए मजबूत रोडमैप तैयार करने की दिशा में एक निर्णायक पहल है। शक्तिसिंह गोहिल ने कविता के जरिए भावनाएं प्रकट कीं गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने मंच से एक प्रभावशाली कविता के माध्यम से कार्यकर्ताओं के जज़्बे को संबोधित किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस कार्यकर्ता डरा नहीं है, न ही वह बिकाऊ है। हां, कुछ लोग लालच में पार्टी छोड़कर गए, लेकिन कांग्रेस का आत्मबल अडिग है। यहां बताते चलें कि साबरमती रिवरफ्रंट पर विशेष रूप से निर्मित वीवीआईपी डोम में मुख्य अधिवेशन हो रहा है। इस स्थान पर देशभर से आए प्रतिनिधि, नेता और पदाधिकारी पार्टी की वर्तमान स्थिति, आगामी चुनावी रणनीति और संगठनात्मक मजबूती पर विचार कर रहे हैं। गुजरात में 64 वर्षों बाद अधिवेशन यह अधिवेशन ऐतिहासिक है क्योंकि गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन 64 साल बाद हो रहा है। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। इस वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 वर्ष और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर पार्टी ने गुजरात को अधिवेशन स्थल के रूप में चुना है — जो दोनों महान नेताओं की जन्मभूमि है। यह अधिवेशन न केवल संगठनात्मक समीक्षा का मंच है, बल्कि 2027 के गुजरात विधानसभा चुनावों की तैयारी का बिगुल भी है। पार्टी का फोकस जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाना, युवाओं को जोड़ना और एक सशक्त वैकल्पिक राजनीति प्रस्तुत करना है। हिदायत/ईएमएस 09अप्रैल25