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09-Apr-2025
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नई दिल्ली (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने एक बार फिर आम जनता को सौगात दी है। इसका सर्वाधिक फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने घर या कार के लिए कर्ज लिया हुआ है। उनकी ईएमआई भी घट सकती है। इसके अलावा नया लोन लेने जा रहे लोगों को भी इसका फायदा होगा। ये सब इसलिए संभव हुआ है कि आरबीआई ने रेपो रेट को 0.25 प्रतिशत घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है। पहले ये 6.25 प्रतिशत थी। यानी, आने वाले दिनों में लोन सस्ते हो सकते हैं। वहीं आपकी ईएमआई भी घटेगी। नए वित्त वर्ष में आरबीआई की पहली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक कुछ ऐसे फैसले हुए हैं जिनका परिणाम राहत के तौर पर आम जनता को मिलेगा। बैठक में फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा आज बुधवार को दी। ये मीटिंग 7 अप्रैल को शुरू हुई थी। इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी मीटिंग में आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी। फरवरी में हुई मीटिंग में ब्याज दरों को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया था। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की ओर से ये कटौती करीब 5 साल बाद की गई थी। रेपो रेट घटने के बाद बैंक भी हाउसिंग और ऑटो जैसे लोन्स पर अपनी ब्याज दरें कम कर सकते हैं। वहीं ब्याज दरें कम होंगी तो हाउसिंग डिमांड बढ़ेगी। ज्यादा लोग रियल एस्टेट में निवेश कर सकेंगे। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। रेपो रेट से लोन कैसे सस्ता होता है? आरबीआई जिस ब्याज दर पर बैंकों को लोन देता है उसे रेपो रेट कहते हैं। रेपो रेट कम होने से बैंक को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। बैंकों के लोन सस्ता मिलता है, तो वो अकसर इसका फायदा ग्राहकों को पास कर देते हैं। यानी, बैंक भी अपनी ब्याज दरें घटा देते हैं। आरबीआई का महंगाई पर अनुमान आरबीआई के अनुमान की बात करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई 4.8 फीसदी रहने का अनुमान है। वैसे चौथी ​तिमाही के महंगाई में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया गया है जिसे पिछले के 4.4 फीसदी से बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है। वहीं वित्त वर्ष 2026 में महंगाई 4.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि पहली तिमाही में 4.6 फीसदी रह सकती है। इससे पहले इसमें 4.5 फीसदी का रहने अनुमान जताया जा रहा था। दूसरी तिमाही में 4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया जा रहा है। जीडीपी ग्रोथ का अनुमान फरवरी महीने की मीटिंग में आरबीआई गवर्नर ने वित्त वर्ष 2026 के लिए देश की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाते हुए 7 फीसदी से कम यानी 6.75 फीसदी कर दिया था। जानकारों की मानें तो टैरिफ वॉर के बीच इस अनुमान को और भी कम किया जा सकता है। उन्होंने पहली तिमाही के लिए ग्रोथ रेट का अनुमान 6.7 फीसदी, दूसरी तिमाही के लिए 7 फीसदी तीसरी और चौथी तिमाही के लिए 6.5 फीसदी का अनुमान रखा था। वीरेंद्र/ईएमएस/09अप्रैल2025