क्षेत्रीय
08-Apr-2025
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रायगढ़(ईएमएस)। बैंक ऑफ इंडिया की रायगढ़ शाखा में बड़े लोन घोटाले का मामला सामने आया है, जिसमें बैंक के उच्चाधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। मां दुर्गा फूड प्रोडक्ट के नाम पर 8.50 करोड़ रुपये का लोन अगस्त 2024 में पास किया गया था, जो महज छह माह के भीतर ही एनपीए घोषित कर दिया गया। इस प्रक्रिया में बैंक के जोनल, डिप्टी जोनल और ब्रांच स्तर के अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, यह लोन सुभाष अग्रवाल, निवासी वार्ड नंबर 5, भाटा की रोड, बरगढ़ जिला रायगढ़, के नाम से जारी किया गया था। लोन प्रक्रिया पूरी करने के बाद खाता खोला गया और अगस्त 2024 में रकम का आहरण भी कर लिया गया। महज छह महीने बाद 10 फरवरी 2025 को खाते को एनपीए घोषित कर दिया गया और 16 करोड़ रुपये की वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया। सूत्रों के अनुसार, इस लोन को पास कराने में जोनल मैनेजर गायत्री कंपा, उप जोनल मैनेजर नागेंद्र चौरसिया, मुख्य प्रबंधक आशुतोष अरुण और निभास प्रधान की अहम भूमिका रही। साथ ही शाखा प्रबंधक जेपी तिवारी और लोन अधिकारी पवन कुमार की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। चौंकाने वाली बात यह है कि एनपीए घोषित होने के बाद कथित तौर पर मात्र 3 करोड़ रुपये में लोन सेटलमेंट का प्रस्ताव दिया गया, जिससे पूरे मामले में गड़बड़ी की आशंका और भी गहरी हो गई है। सूत्रों का यह भी दावा है कि मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। उच्च अधिकारी छोटे कर्मचारियों पर दबाव बनाकर उन्हें चुप रहने के लिए मजबूर करते हैं, और किसी भी गड़बड़ी के लिए उन्हीं को जिम्मेदार ठहराया जाता है। सत्यप्रकाश(ईएमएस)08 अप्रैल 2025