कोलकाता,(ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने शिक्षकों को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा है कि किसी भी पात्र उम्मीदवार की नौकरी नहीं जाएगी। गुरुवार के कोर्ट ने सरकारी स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया था। साथ ही चयन प्रक्रिया पर भी सवालिया निशान उठाए थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि स्कूली नौकरियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधी हुई हूं, लेकिन हालात से पूरी तरह सावधानी और निष्पक्षता से निपटा जाए, इसके लिए कदम भी उठा रही हूं वह नौकरी गंवाने वाले एसएससी उम्मीदवारों से नेताजी इंडोर स्टेडियम में मुलाकात करेंगी। सीएम ने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल में स्कूलों की नौकरी गंवाने वालों के साथ खड़ी हूं, उनका सम्मान वापस दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करूंगी। उन्होंने कहा कि मैं पात्र उम्मीदवारों को स्कूल की नौकरी नहीं गंवाने दूंगी। सुप्रीम कोर्ट का फैसला मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के 22 अप्रैल, 2024 के फैसले को बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमारे विचार से यह ऐसा मामला है जिसमें पूरी चयन प्रक्रिया त्रृटिपूर्ण रही है, जिसे सुधारा नहीं जा सकता। बड़े पैमाने पर हेरफेर और धोखाधड़ी के साथ-साथ मामले को छिपाने के प्रयासों ने चयन प्रक्रिया को नुकसान पहुंचाया है कि इसमें सुधार नहीं किया जा सकता है। कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को लेकर दाखिल 127 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि चयन की विश्वसनीयता और वैधता कम हो गई है और तदनुसार हमें इसे कुछ संशोधनों के साथ बरकरार रखना होगा। फैसला सुनाते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि जिन कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द की गई हैं, उन्हें अब तक अर्जित वेतन और अन्य भत्ते वापस करने की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर एक दिव्यांग कर्मचारी को भी छूट देते हुए कहा कि वह नौकरी में बनी रहेंगी। सिराज/ईएमएस 07अप्रैल25 ------------------------------