जम्मू,(ईएमएस)। पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को एलओसी पर संघर्ष विराम तोड़ दिया। जिसका भारतीय सेना ने भी जवाब दिया। संघर्ष विराम का उल्लंघन ऐसे समय में हुआ जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को पुंछ जिले के दिगवार सेक्टर में एलओसी पर संघर्ष विराम तोड़ दिया। यह तय करने के लिए कि पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में कोई घुसपैठ न हो, इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। इससे पहले 1 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले में एलओसी पर एक बारूदी सुरंग के धमाके के बाद बिना किसी कारण के गोलीबारी की और संघर्ष विराम तोड़ा। सेना ने बयान में कहा कि भारतीय सैनिकों ने संतुलित और नियंत्रण तरीके से प्रभावी जवाब दिया। ऐसी खबरें हैं कि आतंकवादी जिनमें मुख्य रूप से विदेशी भाड़े के आतंकवादी शामिल हैं, पुंछ, राजौरी, कठुआ और किश्तवाड़ जिले के पहाड़ी इलाकों में सक्रिय हैं। 23 मार्च को कठुआ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब भारतीय हिस्से में घुसपैठ करने वाले 5 आतंकवादियों की मुठभेड़ पुलिस से हुई थी। यह मुठभेड़ अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 4 किलोमीटर अंदर सान्याल गांव में हुई थी। मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए, जबकि चार पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। संयुक्त बलों ने बाकी तीन आतंकवादियों को ढूंढने के लिए कठुआ और राजौरी जिलों के ऊंचे इलाकों में अपना खोजो और खत्म करो अभियान तेज कर दिया है। कठुआ जिले के बिलावर इलाके में पिछले शुक्रवार को आतंकवादियों और संयुक्त बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। जानकारी के मुताबिक कठुआ जिले के ऊंचे इलाकों का इस्तेमाल आतंकवादी राजौरी और पुंछ जिलों में घुसपैठ करने के लिए कर रहे हैं। आतंकवादियों के हिट-एंड-रन हमलों को नाकाम करने के लिए सेना के करीब चार हजार विशेष प्रशिक्षित पैरा कमांडो को इन जिलों के घने जंगलों में तैनात किया गया। संयुक्त बलों की गतिविधियों के बाद आतंकवादी पुंछ, राजौरी और कठुआ जिलों में हिट-एंड-रन हमले नहीं कर पा रहे हैं, जैसा कि 2024 की आखिरी तिमाही में हुआ था। सिराज/ईएमएस 07अप्रैल25 ------------------------------