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07-Apr-2025
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नई दिल्ली,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए नए टैरिफ के कारण वैश्विक स्तर पर ट्रेड वॉर की आशंकाएं और गहरा गई हैं। इसके चलते न केवल अमेरिका बल्कि एशिया सहित कई अन्य देशों के शेयर बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस आर्थिक तनाव की सीधी मार भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ी, जहां सोमवार को बाजार खुलते ही जबरदस्त गिरावट देखी गई। बाजार के सभी 13 प्रमुख सेक्टर लाल निशान में खुले, जिससे निवेशकों में घबराहट फैल गई। आईटी कंपनियों के शेयरों में 7 फीसदी तक की गिरावट आई, क्योंकि इन कंपनियों की आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। स्मॉल कैप और मिड कैप शेयरों में भी क्रमशः 6.2 फीसदी और 4.6फीसदी की गिरावट देखी गई, जिससे बाजार में व्यापक नुकसान हुआ। इस गिरावट से निवेशकों को बड़ा झटका लगा। सोमवार को बाजार खुलने के महज 10 मिनट के भीतर बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैप 404 लाख करोड़ रुपये से घटकर 386 लाख करोड़ रुपये रह गया। इसका मतलब है कि केवल 10 मिनट में निवेशकों की संपत्ति 18 लाख करोड़ तक घट गई। इस भारी गिरावट को ‘ब्लैक मंडे’ कहा जा रहा है, जिसमें कई दिग्गज कंपनियों के स्टॉक्स एक साथ 10 फीसदी तक गिर गए। इसमें टाटा समूह के दो बड़े स्टॉक्स भी शामिल हैं। गिरावट का सबसे अधिक प्रभाव आईटी और मेटल सेक्टर पर पड़ा। निफ्टी आईटी इंडेक्स 5 फीसदी की गिरावट के साथ 31,307 पर खुला, जबकि शुक्रवार को यह 33,511 पर बंद हुआ था। वहीं मेटल इंडेक्स 6 फीसदी की गिरावट के साथ 7,691 के स्तर पर फिसल गया, जो इसका नया 52 वीक लो है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भी माना कि ट्रंप के टैरिफ उम्मीद से ज्यादा हैं और इनका असर अमेरिका की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ और महंगाई पर गहराई से पड़ सकता है। नैस्डैक इंडेक्स ने भी शुक्रवार को यह स्पष्ट कर दिया था कि वह मंदी के बाजार में प्रवेश कर चुका है। ऐसे में यह साफ है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था अस्थिरता की ओर बढ़ रही है और निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। डेविड/ईएमएस 07 अप्रैल 2025