नई दिल्ली(ईएमएस)।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहम्मद यूनुस की हाल ही में हुई मुलाकात के बाद ये लग रहा था कि भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में सुधार होगा। लेकिन इसमें बांग्लादेश ने फिर से अड़चन डाल दी है। उसने पीएम मोदी और यूनुस की मुलाकात को लेकर एक ऐसा बयान दिया है, जिसका सच्चाई कोई वास्ता नहीं है। फिलहाल भारत से संबंधों में सुधार होना कठिन दिखाई दे रहा है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बैंकॉक में हुई बैठक के संबंध में बांग्लादेश की ओर से जारी बयान ‘शरारतपूर्ण और राजनीति से प्रेरित’ हैं, विशेष रूप से पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों पर हमलों और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए ढाका के अनुरोध से संबंधित पहलू पर। सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने शनिवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बैंकॉक में हुई बैठक में पीएम मोदी के समक्ष हसीना के प्रत्यर्पण के लिए बांग्लादेश के अनुरोध को उठाया और ‘प्रतिक्रिया नकारात्मक नहीं थी।’ सूत्रों ने बैठक पर ढाका के आधिकारिक बयान और आलम के फेसबुक पोस्ट को लेकर कहा कि यूनुस और पिछली बांग्लादेश सरकार के साथ संबंधों के बारे में भारतीय प्रधानमंत्री की टिप्पणियों का वर्णन ‘गलत’ था। अपने पोस्ट में आलम ने दावा किया कि पीएम मोदी ने कहा था, हमने आपके (यूनुस) प्रति उनका (हसीना का) अपमानजनक व्यवहार देखा। सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी ने यूनुस द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर यह कहते हुए प्रतिक्रिया दी थी कि इन मुद्दों पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा अच्छी चर्चा की जा सकती है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की चर्चा की। वीरेंद्र/ईएमएस 07 अप्रैल 2025