-रिकॉर्ड के अनुसार मप्र में वक्फ संपत्तियों की संख्या हैं 23,118 भोपाल (ईएमएस)। वक्फ बोर्ड की जमीनों के सत्यापन के बाद अब बिल पास होते ही सभी जमीनों का सीमांकन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सभी तहसीलदार टेक्निकल जानकारी के साथ प्रदेशभर में स्थित 14,986 वक्फ संपत्तियों का सीमांकन कर उनकी चतु: सीमा के साथ महत्वपूर्ण जानकारी इकट््ठा कर रहे हैं। सरकार से मिले निर्देश के अनुसार पोर्टल पर उक्त जानकारी के बिना सत्यापन नहीं हो सकेगा। मप्र में वक्फ बोर्ड की कुल 23,118 संपत्तियां हैं। इसमें मकान, दुकान और दूसरी सार्वजनिक व कारोबारी इमारतें शामिल हैं। कायदे से इनका प्रबंधन वक्फ बोर्ड करता है और इससे मिली आय को जमा करने की जिम्मेदारी भी उसी की है। केंद्र सरकार के संशोधित वक्फ कानून के लागू होने से पहले ही मध्य प्रदेश में वक्फ की संपत्तियों की जांच शुरू हो गई है। भोपाल के 81 गांवों में ऐसी 777 संपत्तियों का सत्यापन पूरा करा लिया गया है। प्रदेश में ऐसी 14,986 भू-संपत्तियों की जांच होनी है। संशोधित वक्फ कानून में वक्फ संपत्तियों का सत्यापन अनिवार्य किया गया है। वहीं वक्फ बोर्ड के अधिकारों को सीमित किया गया है। बताया जा रहा है कि मप्र में इस बदलाव से अरबों रुपये की संपत्ति भी प्रभावित होगी। प्रदेश की 14,986 संपत्तियां वक्फ के नाम हैं। वे इसकी जद में आ रही हैं। वक्फ कानून में बदलाव के साथ ही बोर्ड अगर किसी संपत्ति पर दावा करता है तो उसका सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा। वहीं, जिन संपत्तियों पर बोर्ड और किसी आम व्यक्ति के बीच विवाद चल रहा है तो उसमें भी सत्यापन को अनिवार्य किया जाएगा। रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा सत्यापन अब उनका सत्यापन कर रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। यह काम राजस्व विभाग की मदद से किया जाना है। राजधानी भोपाल में इसकी शुरुआत हो चुकी है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह का कहना है कि जिले में वक्फ संपत्ति का सर्वे कराया जा रहा है, जिसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। भोपाल जिले के 81 गांवों में स्थित हैं वक्फ की संपत्तियां अकेले भोपाल जिले में ही प्लाट, मकान, जमीन व अन्य तरह की 777 वक्फ संपत्तियां हैं। हुजूर, बैरसिया और कोलार तहसील क्षेत्र के 81 गांवों में वक्फ संपत्ति का सत्यापन किया गया है। यह सर्वे क्षेत्र के पटवारियों से कराया गया है, जिसमें किरायेदारी और कब्जे का रिकार्ड दर्ज किया गया है। संशोधित कानून के तहत किए गए बदलाव को लेकर जांच की जा रही है।