व्यापार
04-Apr-2025


अमेरिकी मार्केट क्रैश, भारत में भी हाहाकार नई दिल्ली(ईएमएस)। वैश्विक व्यापार युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच शुक्रवार को भारतीय शेयर सूचकांक सेंसेक्स 900 अंक से अधिक टूटकर 76,000 के स्तर से नीचे आ गया। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 930.67 अंक या 1.22 प्रतिशत गिरकर 75,364.69 अंक पर बंद हुआ। वहीं स्टॉक अमेरिकी बाजार में नैस्डैक करीब 6 फीसदी टूट गया, जबकि डॉव जोन्स इंडेक्स में 1600 अंक या करीब 4 फीसदी की गिरावट देखी गई। एसएंडपी 500 में भी करीब 5 फीसदी की गिरावट आई। इससे पहले एक दिन में इतनी बड़ी गिरावट 16 मार्च 2020 को आई थी। शुक्रवार को सेंसेक्स कारोबार के दौरान यह 1,054.81 अंक या 1.38 प्रतिशत गिरकर 75,240.55 अंक के निचले स्तर पर पहुंच गया। एनएसई निफ्टी 345.65 अंक या 1.49 प्रतिशत गिरकर 22,904.45 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान 50 शेयरों वाला बेंचमार्क इंडेक्स 382.2 अंक या 1.64 प्रतिशत गिरकर 22,867.90 पर बंद हुआ। जानकारों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और बाजार में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज, लार्सन एंड टूब्रो और इंफोसिस जैसी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से निराशा और बढ़ गई। टाटा स्टील के शेयरों में 8.59 प्रतिशत तक की गिरावट सेंसेक्स में शामिल शेयरों में सबसे ज्यादा नुकसान टाटा स्टील को हुआ, जिसमें 8.59 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके बाद टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टूब्रो, अदाणी पोर्ट्स, इंडसइंड बैंक, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, सन फार्मास्युटिकल, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और एनटीपीसी के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट रही। दूसरी ओर, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी बैंक, नेस्ले इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, आईटीसी, एशियन पेंट्स और एक्सिस बैंक के शेयरों में लाभ रहा। व्यापक बाजार की बात करें तो बीएसई मिडकैप सूचकांक में 3.08 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक में 3.43 प्रतिशत की गिरावट आई। मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) प्रशांत तापसे ने कहा, वैश्विक शेयर बाजार में गिरावट के कारण बाजार में भी गिरावट आई तथा व्यापक बिकवाली के कारण विभिन्न क्षेत्रों में 2-6 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। बाजार में ग्लोबल ट्रेड वॉर का डर ट्रंप के नए टैरिफ के बाद चीन और कनाडा ने भी जवाबी कदम उठाने की धमकी दी है। इससे निवेशक घबराए हुए हैं। अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत और अन्य देशों पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया है। जवाब में कनाडा ने अमेरिकी वाहनों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इससे ग्लोबल ट्रेड वॉर का संकट बढ़ चुका है। इस कारण फार्मा स्टॉक्स, आईटी शेयर और ऑटो शेयरों में भारी दबाव देखा जा रहा है। रिलायंस के शेयरों में भी जबरदस्त बिकवाली हो रही है। महंगाई बढऩे की संभावना अमेरिका में मंदी बढऩे का सबसे बड़ा रिस्क महंगाई है। कई एक्सपट्र्स का अनुमान है कि अमेरिका में महंगाई तेजी से बढऩे वाला है, क्योंंकि दूसरे देशों से आने वाले समान अब ज्यादा कीमत पर मिलेंगे। इससे महंगाई बढ़ेगी। वहीं डॉलर इंडेक्स में भी गिरावट देखी जा रही है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत नहीं है। विनोद उपाध्याय / 04 अप्रैल, 2025