अंतर्राष्ट्रीय
01-Apr-2025
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-वैज्ञानिकों का कहना-जानवर धरती के अंदर हलचल और ध्वनियों को भांप लेते हैं नई दिल्ली (ईएमएस)। म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप से भारी तबाही हुई है। शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता का भूकंप आने के बाद शनिवार को एक बार फिर म्यांमार में भूकंप आया। इस बार रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.1 मापी गई थी। बता दें भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही म्यांमार में हुई है। यहां हजारों मौतें होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। भूकंप से इंसान क्या जानवार भी डर गए हैं। घरों में रहने वाले कुत्ता-बिल्लियों में भी खौफ है। भूकंप आया तो वह घर से निकलकर सड़क पर लेट गए। सवाल यह उठता है कि क्या क्या इंसान की तरह जानवरों जैसे कुत्तों और बिल्लियों को भी भूकंप से डर लगता है? भूकंप आने पर कुत्ते-बिल्लियों को सबसे ज्यादा डर लगता है। क्योंकि, उनकी संवेदनशीलता इंसानों से कहीं अधिक होती है। जानवरों के पास बेहद तीक्ष्ण सुनने और महसूस करने की क्षमता होती है, जिसके कारण वे भूकंप से पहले धरती के अंदर होने वाली सूक्ष्म हलचल, कंपन या ध्वनियों को पहले ही भांप लेते हैं। वैज्ञानिकों का भी मानना है कि जानवर भूकंपीय तरंगों या धरती के अंदर चट्टानों के दबाव से उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल और रासायनिक परिवर्तनों को महसूस कर सकते हैं। बता दें भूकंप से पहले हवा में आयन की मात्रा बढ़ सकती है या क्वार्ट्ज जैसे क्रिस्टल से गैसें निकल सकती हैं, जिन्हें कुत्ते और बिल्लियां अपनी त्वचा या सूंघने की क्षमता से पहचान लेते हैं। कुत्ते और बिल्लियां अपने परिवेश में छोटे-छोटे बदलावों, जैसे हवा का रुकना, तापमान में अचानक बदलाव या असामान्य शांति, को भी जल्दी पकड़ लेते हैं। ये बदलाव उन्हें बेचैन कर देते हैं और जब भूकंप के झटके शुरू होते हैं तो उनकी प्राकृतिक प्रवृत्ति उन्हें खतरे से बचने के लिए उत्तेजित कर देती है। वे भौंकने, चिल्लाने, भागने या छिपने की कोशिश करते हैं जो उनके डर का संकेत होता है। एक सर्वे में कहा गया है कि शुक्रवार को भूकंप के झटके म्यांमार, थाईलैंड, बांग्लादेश, भारत और चीन में भी महसूस किए गए थे। दिल्ली-एनसीआर में रह-रह के शुक्रवार को दो-तीन झटके लगे थे लेकिन किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ था। सिराज/ईएमएस 01 अप्रैल 2025