42,944 नए निजी स्कूल खुले नई दिल्ली (ईएमएस)। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने केंद्र पर शिक्षा प्रणाली को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ऐसा एजेंडा चला रही है, जो नुकसानदेह नतीजों की ओर ले जाएगा। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा द्वारा साझा किए गए लेख में उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली वर्तमान में तीन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रही हैं केंद्रीकरण, कारोबारी करण और सांप्रदायिकता। सोनिया गांधी ने दावा किया कि मोदी सरकार राज्यों को मजबूर कर रही है कि वे पीएम-श्री योजना को लागू करें और समग्र शिक्षा अभियान के तहत मिलने वाले अनुदान को रोककर उन्हें दबाव में ला रही है। सोनिया गांधी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भी आलोचना कर कहा कि यह सिर्फ दिखावटी है। उन्होंने लिखा कि यह नीति उस सरकार की हकीकत को छुपाने के लिए लाई गई है, जो भारत के बच्चों और युवाओं की शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र का मुख्य एजेंडा केवल सत्ता का केंद्रीकरण, निजी निवेश को बढ़ावा देना और शिक्षा को सांप्रदायिक बनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्यों से किसी भी प्रकार का परामर्श नहीं किया और उनकी राय को नजरअंदाज किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड, जिसमें राज्यों के शिक्षा मंत्री भी शामिल होते हैं, 2019 के बाद से अब तक बैठक के लिए नहीं बुलाया गया है। सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सरकारी स्कूलों को कमजोर करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि 2014 से अब तक देशभर में 89,441 सरकारी स्कूल बंद हुए हैं, जबकि 42,944 नए निजी स्कूल खुले हैं। उन्होंने कहा कि इससे गरीबों को महंगे और कम नियमन वाले निजी स्कूलों के हवाले किया गया है, जिससे वे शिक्षा से वंचित हो सकते हैं। उन्होंने उच्च शिक्षा प्रणाली में बदलावों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की अनुदान प्रणाली को समाप्त कर दिया और उसकी जगह उच्च शिक्षा वित्तपोषण एजेंसी (हेफा) को लागू किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालयों को अब हेफा से ऊंची ब्याज दरों पर ऋण लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है, इस छात्रों की फीस बढ़ाकर चुकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसद की शिक्षा संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, इन ऋणों का 78 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक भुगतान छात्रों की बढ़ी हुई फीस से किया जा रहा है, जिससे उच्च शिक्षा महंगी होती जा रही है। सोनिया गांधी ने कहा कि मोदी सरकार ने इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि महात्मा गांधी की हत्या और मुगल भारत से जुड़े कई हिस्से पाठ्यक्रम से हटाए गए हैं। इतना ही नहीं भारतीय संविधान की प्रस्तावना को भी हटाने की कोशिश की गई थी, जिसे बाद में जनता के दबाव के कारण फिर से जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में भी विचारधारा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) में शीर्ष पदों पर उन लोगों को नियुक्त किया जा रहा है, जो सरकार के करीबी हैं, भले ही उनकी शैक्षणिक योग्यता कमजोर हो। आशीष दुबे / 31 मार्च 2025