राज्य
31-Mar-2025
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-भोपाल में ईद और नवरात्रि के लिए प्रशासन ने कड़े किए सुरक्षा के इंतजाम भोपाल (ईएमएस)। राजधानी में सोमवार को ईद-उल-फितर हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रमजान के पवित्र महीने की इबादतों और रोजों का समापन होने के बाद मुस्लिम समाज में ईद-उल-फितर का पर्व बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया। शहर की प्रमुख मस्जिदों में सुबह 7.15 बजे से ईद की नमाज अदा की गई, जिसमें समाज के लाखों लोग शामिल हुए। सबसे अधिक भीड़ ईदगाह में रही। नमाज के बाद गले मिलकर ईद मुबारक की बधाइयां दी गईं, पारंपरिक मिठास से भरे शीर खुरमा का स्वाद चखा गया और बच्चों को ईदी देकर उनकी मुस्कुराहटें बढ़ाई गईं। यह पर्व न सिर्फ खुशियों का त्योहार साबित हुआ, बल्कि एकता, भाईचारे और नेकी के संदेश को भी घर-घर तक पहुंचाने का जरिया बना। भोपाल, जिसे उसकी गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है, एक बार फिर इस सांस्कृतिक सुंदरता की मिसाल बना। सोमवार सुबह से पुराने भोपाल से लेकर नए इलाकों तक, हर कोने में ईद की खुशी नजर आने लगी। भोपाल के ईदगाह, ताजुल मस्जिद, मोती मस्जिद, जामा मस्जिद समेत शहर की सभी मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की गई। भोपाल में सबसे पहले सुबह 7.15 बजे ईदगाह में विशेष नमाज अदा की गई। ईद के मौके पर शहर की करीब 50 मस्जिदों में नमाज अदा की गई। ईदगाह में नमाज के लिए आनेवाले लाखों लोगों के लिए शहर की सभी मस्जिदों में खास इंतजाम किए गए थे। नमाज के बाद गले मिलकर सभी एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। वैसे ईद की मुबारकबाद देने का सिलसिला चांद नजर आने के बाद से शुरू हो गया था। फलस्तीन के समर्थन में बैनर भोपाल में ईदगाह के बाहर कुछ युवा फलस्तीन के समर्थन में बैनर लेकर खड़े नजर आए। यहां नमाज के बाद फलस्तीन के लोगों के लिए दुआ भी पढ़ी गई। मोती मस्जिद में भी दुआ के दौरान मुफ्ती अब्दुल कलाम साहब ने यमन और फलस्तीन में मासूमों के कत्ल-ए-आम के खिलाफ दुआ कराई। यहां वक्फ बोर्ड की जायदाद की हिफाजत के लिए भी दुआ पढ़ी गई। काली पट्टी बांधकर पहुंचे नमाजी भोपाल के ईदगाह और अन्य मस्जिदों में नमाज पढऩे पहुंचे मुस्लिम धर्मावलंबी बांह पर काली पट्टी बांधकर नमाज पढऩे पहुंचे। वे वक्फ अमेंडमेंट बिल का विरोध कर रहे थे। बता दें कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय से काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण और मौन विरोध प्रदर्शन की अपील की थी। बोर्ड ने कहा था कि अगर ये बिल पारित हो गया तो मस्जिद, दरगाह, मदरसे, कब्रिस्तान और कई अन्य संस्थान उनके हाथ से चले जाएंगे। विनोद / 31 मार्च 25