वॉशिंगटन(ईएमएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के काम करने का तरीका काफी अलग है। कई बार उन्हे परंपराएं तोड़ने में भी हिचक नहीं होती है। कुछ अपवादों को छोड़ दें तो अधिकांशत: अमेरिकी राष्ट्रपति ब्रिटेन से अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत करता है। लेकिन इस परंपरा को संभवता तोड़ने की कोशिश ट्रंप कर रहे हैं। इस बार वे अपनी विदेश यात्रा की शुरुआत ब्रिटेन से नहीं बल्कि सउदी अरब से कर सकते हैं। ऐसे में वह इस बार न तो यूरोप जा रहे हैं और नहीं ही भारत, रूस या फिर चीन। वह एक इस्लामिक मुल्क के मेहमान बनने जा रहे हैं। वह 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद भी इसी इस्लामिक मुल्क का दौरा किया था। रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप मई के मध्य में सऊदी अरब जाने की योजना बना रहे हैं। यह उनकी दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद पहली विदेश यात्रा होगी। यह जानकारी दो अमेरिकी अधिकारियों और राष्ट्रपति की यात्रा से जुड़े एक सूत्र ने दी है। डोनाल्ड ट्रंप का पहली विदेश यात्रा के लिए सऊदी अरब चुनना दिखाता है कि उनकी सरकार और खाड़ी देशों के बीच रिश्ते कितने मजबूत हो गए हैं। खासकर व्यापार और निवेश के मामले में यह महत्वपूर्ण है। इस यात्रा की तैयारी तब हो रही है जब ट्रंप सरकार गाजा में युद्ध को रोकने और हमास से बंधकों को छुड़ाने की कोशिश कर रही है। अमेरिकी और इजरायली अधिकारी कहते हैं कि अभी इजरायल और सऊदी अरब के बीच रिश्ते सामान्य करने की योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि सऊदी अरब चाहता है कि फिलिस्तीन को अपना देश बनाने के लिए एक निश्चित समय तय हो, लेकिन इजरायल की सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। पहले भी पहली यात्रा सउदी अरब से की थी ट्रंप ने अपने पिछले कार्यकाल में भी पहली विदेश यात्रा सऊदी अरब की ही की थी और वह भी मई में हुई थी।ट्रंप ने 6 मार्च को ओवल ऑफिस में पत्रकारों से कहा था कि वह अगले डेढ़ महीने में सऊदी अरब जा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि मैं सऊदी अरब जा रहा हूं। आम तौर पर लोग पहले यूके जाते हैं। पिछली बार मैं सऊदी अरब गया था। तब उन्होंने 450 अरब डॉलर का निवेश किया था। इस बार मैंने कहा कि अगर आप अमेरिकी कंपनियों के लिए एक ट्रिलियन डॉलर (यानी चार साल में बहुत बड़ा निवेश) देंगे, तो मैं आऊंगा। उन्होंने हां कर दी, तो मैं वहां जा रहा हूँ। पिछले कुछ हफ्तों में अमेरिकी और सऊदी अधिकारियों ने इस यात्रा पर बात की। यह चर्चा सऊदी अरब में यूक्रेन युद्ध को लेकर हुई बैठक के दौरान भी हुई। वीरेंद्र/ईएमएस/31मार्च2025