31-Mar-2025
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दमोह (ईएमएस)। कुंडलपुर में पहली बार आचार्य समयसागर ने बड़े बाबा के दरबार में ऐलक दीक्षाएं प्रदान कीं। इस विशेष अवसर पर 12 साधकों को ऐलक दीक्षा दी गई। कार्यक्रम की शुरुआत मुनि चंद्रसागर द्वारा आचार्यश्री विद्यासागर के प्रेरणादायक संस्मरणों के साथ हुई। दीक्षा समारोह के दौरान आचार्य समयसागर ने दीक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि 2022 में गुरुदेव ने क्षुल्लक दीक्षाएं प्रदान की थीं, और उन्हीं की प्रेरणा को ध्यान में रखते हुए यह आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि योग्यता और सामर्थ्य के आधार पर समय-समय पर मार्गदर्शन दिया जाता है। आचार्यश्री ने बताया कि क्षुल्लक के बाद ऐलक पद आता है। अब तक ये साधक दुपट्टे का उपयोग करते थे, लेकिन अब वे करपात्री बनेंगे और ऐलक पद पर रहेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुदेव द्वारा दिए गए नाम ही उनके आगे भी बने रहेंगे। इस ऐतिहासिक दीक्षा समारोह ने कुंडलपुर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया और धर्म साधना की परंपरा को आगे बढ़ाया। इन्हें ऐलक दीक्षा आचार्य समयसागर ने दीक्षा के बाद संयम उपकरण पिच्छिका प्रदान की गई। क्षुल्लक औचित्यसागर, गहनसागर, कैवल्यसागर, सुदृढ़सागर, समुचित सागर, उचितसागर, अथाहसागर, उत्साहसागर, अमाप सागर, उद्यमसागर, गरिष्ठसागर, गौरवसागर को ऐलक दीक्षा प्रदान की। एसजे/ 31 मार्च /2025