31-Mar-2025


नई दिल्ली (ईएमएस)। राजधानी दिल्ली में लोगों की सुरक्षा और अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस फेस रिकॉग्नाइजेशन सिस्टम (एफआरएस) से लैस कैमरों का जाल बिछाने जा रही है। इसके लिए प्रत्येक थानाध्यक्ष से पूछा गया है कि उनके क्षेत्र में किन स्थानों पर कैमरे में एफआरएस डाला जा सकता है। इनकी सूची पुलिस मुख्यालय को भेज दी गई है। जल्द ही इन कैमरों को एफआरएस सॉफ्टवेयर से लैस कर दिया जाएगा। ऐसा होने पर बदमाश घर से निकलते ही पकड़े जाएंगे। दिल्ली के कई प्रमुख बाजारों और सड़कों पर लगे सीसीटीवी कैमरों में एफआरएस का इस्तेमाल किया जा रहा है। गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और अन्य सभी बड़े कार्यक्रमों में सुरक्षा के लिए पुलिस एफआरएस तकनीक का इस्तेमाल करती है। दिल्ली पुलिस ने इस तकनीक की मदद से न केवल कई अपराधियों को पकड़ा है, बल्कि अपराध को भी कम करने में कामयाब रही है। एफआरएस सॉफ्टवेयर बेहतर क्वॉलिटी के सीसीटीवी कैमरों में डाला जाता है। इसमें उन अपराधियों का डाटा होता है जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इन कैमरों के सामने जब कोई अपराधी आता है, तो वह तुरंत कंट्रोल रूम को अलर्ट देता है। क्राइम ब्रान्च के स्पेशल कमिश्नर देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि दिल्ली में अभी कई स्थानों पर एफआरएस लगे हैं। इसकी मदद से अपराधी पकड़े जा रहे हैं। भीड़भाड़ वाले इलाकों में इससे सुरक्षा बेहतर हुई है। सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल ज्यादा सीसीटीवी कैमरों में किया जाएगा। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/31/मार्च /2025