नई दिल्ली (ईएमएस)। दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के सरकारी अस्पतालों की बदहाल स्थिति को लेकर चिंता जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि पिछले एक साल से अस्पतालों की कमी और सिफारिशों को लेकर बैठकें की जा रही हैं, लेकिन सुधार का कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा। ऐसे में दिल्ली अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक अपनी निगरानी में राज्य के सरकारी अस्पतालों में सुधार के लिए कदम उठवाएं। जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस मनमीत पी. अरोड़ा की बेंच ने एम्स के डायरेक्टर को कहा है कि वह डॉ. एसके सरीन कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों को अमलीजामा पहनाने के लिए चार सप्ताह के भीतर योजना तैयार करें। साथ ही, बेंच के समक्ष इस शुरुआत की तारीख भी बताएं कि किस दिन से सिफारिशों पर काम शुरू हो जाएगा। हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि इस बाबत वर्ष 2017 में बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की थी, लेकिन 8 साल बाद भी हम वहीं खड़े हैं, जहां से शुरुआत हुई थी। सिर्फ समस्या को समझ लेना आगे बढ़ना नहीं होता। समस्या का समाधान होना जरूरी है। इसलिए सुधार की कोशिश के बजाय मरीजों के हित में काम किया जाए। अजीत झा/ देवेन्द्र/ नई दिल्ली /ईएमएस/31/मार्च /2025