क्षेत्रीय
31-Mar-2025


रायपुर(ईएमएस)। कभी नक्सलियों का अभेद्य गढ़ माने जाने वाला अबूझमाड़ अब उनके लिए सुरक्षित ठिकाना नहीं रह गया है। सुरक्षा बलों के लगातार अभियानों से इस क्षेत्र में नक्सलियों की गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब इंद्रावती नदी पर तीसरा पुल बनाया जा रहा है, जिससे माड़ क्षेत्र की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। अबूझमाड़ तक पहुंचने में सबसे बड़ी बाधा इंद्रावती नदी रही है। चाहे दंतेवाड़ा की ओर से हो या बीजापुर की ओर से, बारिश के दौरान आवागमन बेहद मुश्किल हो जाता था। हालांकि, अब छिंदनार और करका घाट में पहले ही दो पुल बन चुके हैं, जिनसे 50 से अधिक गांवों को सीधा फायदा मिल रहा है। अब फुंडरी के पास तीसरा पुल बनाया जा रहा है, जिसका 80% कार्य पूरा हो चुका है और बारिश से पहले शेष 20% काम भी पूरा कर लिया जाएगा। इस पुल के शुरू होने से 12 ग्राम पंचायतों के 50 से अधिक गांव सीधे बीजापुर जाने वाले नेशनल हाईवे-63 से जुड़ जाएंगे। इससे न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी बल्कि सुरक्षा बलों की अबूझमाड़ में तैनाती और बढ़ जाएगी, जिससे नक्सलियों की गतिविधियों पर लगाम लगेगी। इंद्रावती नदी पर बन रहे इस 648 मीटर लंबे पुल की कुल लागत 35.60 करोड़ रुपये है। इसके अलावा, 208 मीटर नेशनल हाईवे और 242 मीटर एप्रोच रोड भी बनाई जा रही है। पुल निर्माण कार्य को सुरक्षित रखने के लिए सीआरपीएफ कैंप इंद्रावती नदी के किनारे स्थापित किया गया है, जहां से जवान 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। पुल पर बैरिकेडिंग कर हर आने-जाने वाले की सख्ती से जांच की जा रही है। बारिश के दौरान अबूझमाड़ में नक्सली ट्रेनिंग कैंप संचालित होते रहे हैं, क्योंकि इंद्रावती नदी उफान पर होने से सुरक्षा बलों की पहुंच सीमित हो जाती थी। लेकिन इस पुल के बनते ही यह नक्सलियों के लिए तीसरा बड़ा झटका होगा और उनकी गतिविधियों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सकेगी। इस पुल का निर्माण कार्य 2018 में कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू किया गया था। नक्सली इसे रोकने के लिए बार-बार प्रेशर IED लगाकर हमले करते रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की कड़ी निगरानी के चलते निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है। जल्द ही यह पुल अबूझमाड़ क्षेत्र को नई पहचान देगा और वहां रहने वाले लोगों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ेगा। सत्यप्रकाश(ईएमएस)31 मार्च 2025