नई दिल्ली (ईएमएस)। गर्मी के मौसम में एक खास फल ‘फालसा’ जल्द ही बाजारों में दिखाई देने वाला है। छोटे आकार और खट्टे-मीठे स्वाद वाला यह फल न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही ‘फालसा’ को स्वास्थ्यवर्धक बताते हैं, क्योंकि यह पाचन तंत्र से लेकर दिल और डायबिटीज जैसी समस्याओं के लिए लाभकारी साबित होता है। फालसा को भारत का स्वदेशी फल माना जाता है और इसकी खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान जैसे राज्यों में होती है। इसे वैज्ञानिक रूप से ‘ग्रेविया एशियाटिका’ कहा जाता है और यह भारत के शुष्क और अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है। हालांकि, इसकी नाजुक बनावट के कारण इसे लंबी दूरी तक ले जाना मुश्किल होता है, इसलिए यह बाजारों में सीमित समय के लिए ही उपलब्ध रहता है। अमेरिकी नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, फालसा में विटामिन ए और सी, कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, पोटैशियम और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है। इसमें कैलोरी और वसा की मात्रा बेहद कम होती है, जिससे यह वजन नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। पोषण तत्वों से भरपूर यह फल रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और शरीर को डीटॉक्स करने में सहायक होता है। इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और यह पेट की जलन को कम करने में मदद करता है। चिकित्सकों के अनुसार, खून की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए फालसा बेहद लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, गर्मियों में इसका सेवन लू से बचाव करता है और शरीर को ठंडक प्रदान करता है। फालसा का रस एक प्राकृतिक टॉनिक की तरह काम करता है, जिससे शरीर को एनर्जी मिलती है। यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और अस्थमा, अल्सर, दस्त और घावों के उपचार में भी फायदेमंद साबित होता है। सुदामा/ईएमएस 31 मार्च 2025