अंतर्राष्ट्रीय
31-Mar-2025
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बीजिंग (ईएमएस)। पिछले कुछ सालों में चीन में शादी की दर में भारी गिरावट दर्ज की गई है। बढ़ती महंगाई, बदलते सामाजिक मूल्यों और महिलाओं की स्वतंत्रता की ओर बढ़ती सोच के चलते शादी से दूरी बनाने का चलन बढ़ रहा है। 2024 में केवल 6.1 मिलियन जोड़ों ने शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया, जो 2023 की तुलना में 20 प्रतिशत कम है। यह संख्या 1986 के बाद की सबसे कम है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी शादी की दर में 12.2 प्रतिशत की गिरावट आई थी, लेकिन मौजूदा आंकड़े हालात को और गंभीर दर्शा रहे हैं। शादी की घटती दर के पीछे चीन की पूर्व वन चाइल्ड पॉलिसी का भी बड़ा योगदान है। इस नीति के कारण देश में लिंग अनुपात असंतुलित हो गया। 2000 के दशक की शुरुआत में जन्म के समय लिंग अनुपात 121 लड़कों के मुकाबले 100 लड़कियों का था, जबकि कुछ प्रांतों में यह अनुपात 130 से भी ज्यादा पहुंच गया था। नतीजतन, बड़ी संख्या में पुरुषों के लिए शादी करना मुश्किल हो गया है। रिपोर्टों के मुताबिक, 2020 से 2050 के बीच 3 से 5 करोड़ चीनी पुरुष शादी के लिए दुल्हन नहीं ढूंढ पाएंगे, जिससे ‘लेफ्टओवर मेन’ नामक एक सामाजिक संकट खड़ा हो गया है। शादी के लिए महिलाओं की कमी ने चीन में मैरिज ट्रैफिकिंग के गोरखधंधे को जन्म दिया है। मानवाधिकार वॉच की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार, कंबोडिया, पाकिस्तान और वियतनाम से लड़कियों की तस्करी करके उन्हें चीन में शादी के लिए बेचा जा रहा है। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि चीनी दलाल महिलाओं को अच्छी नौकरी और बेहतर जीवन का झांसा देकर चीन लाते हैं। कुछ मामलों में उन्हें नशीली दवाएं देकर या जबरन अगवा कर लाया जाता है और फिर 3,000 से 13,000 डॉलर में बेच दिया जाता है। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वियतनाम में लापता हुई 75 प्रतिशत लड़कियों को चीन में तस्करी कर दिया जाता है। इसके अलावा, तिब्बत में भी जबरन शादी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। चीन सरकार अब शादी को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहन देने और शादी की उम्र घटाने जैसे कदम उठा रही है। वन चाइल्ड पॉलिसी 1980 से 2015 तक लागू रही, जिसके दुष्प्रभाव अब सामने आ रहे हैं। 2016 में इस नीति को खत्म कर दिया गया और सरकार ने अधिक बच्चों को जन्म देने को प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनाईं। सुदामा/ईएमएस 31 मार्च 2025