गूगल को व्यावसायिक पोलीसी में सुधार करने का निर्देश भी दिया गया नई दिल्ली (ईएमएस)। राष्ट्रीय कंपनी कानून अपील न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने गूगल के खिलाफ जारी दबदबे के मामले में सीसीआई के फैसले को आंशिक रूप से बरकरार रखा है। गूगल पर लगाए गए जुर्माने को 216 करोड़ रुपये में कम करके एनसीएलएटी ने इसे दोबारा विचार करने के लिए तारीख तय की है। एनसीएलएटी के आदेश में गूगल को व्यावसायिक पोलीसी में सुधार करने का निर्देश दिया गया है, साथ ही ऐप डेवलपर्स को और अधिक स्वायत्तता प्रदान करने की अनुमति दी गई है। एनसीएलएटी ने कहा है कि गूगल को अपने प्लेटफॉर्म पर आए डेटा का सही उपयोग करने के लिए पारदर्शी नीतियों का अधिक विकल्प प्रदान करना चाहिए। इसके साथ ही गूगल को ऐप डेवलपर्स को अधिक स्वायत्तता देने के लिए प्रेरित करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश भी दिए गए हैं। यह फैसला भारत में व्यावसायिक पोलीसी स्वायत्तता का महत्व दर्शाता है और अधिक स्पष्टता और स्वतंत्रता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। गूगल ने एनसीएलएटी से संपर्क कर सीसीआई के 25 अक्टूबर, 2022 के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी, जिसमें उस पर 936.44 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था और गूगल को प्लेस्टोर में आपत्तिजनक गतिविधियों को रोकने और उनसे दूर रहने को कहा गया था। यह मामला गूगल प्लेस्टोर की नीति से जुड़ा है, जिसके तहत सभी ऐप डेवलपर्स को ग्राहकों से शुल्क लेने के लिए केवल गूगल प्ले के बिलिंग सिस्टम (जीपीबीएस) का उपयोग करना होता है। जीपीबीएस का उपयोग न केवल ऐप से भुगतान प्राप्त करने के लिए किया जाता था, बल्कि इन-ऐप खरीदारी के लिए भी किया जाता था। सतीश मोरे/29मार्च ---
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