अंतर्राष्ट्रीय
29-Mar-2025
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तेहरान,(ईएमएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ईरान पर हमेशा हमलावर रहे हैं। अपने पिछले कार्यकाल में भी ट्रंप ने ईरान के मिलिट्री चीफ जनरल कासिम सुलेमानी की हत्‍या करवाई थी। एक बार फिर ट्रंप के तेवरों के बीच ईरान ने साफ कहा है कि वह अमेरिका से बातचीत करने को तो राजी है लेकिन ट्रंप के तेवरों के साथ वह आगे नहीं बढ़ेंगे। ईरान के स्ट्रैटेजिक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के प्रमुख ने कहा है कि वाशिंगटन के मौजूदा कूटनीतिक रुख को हम खारिज करते हैं लेकिन इसके बावजूद हम इन-डायरेक्‍ट बातचीत के लिए तैयार हैं। मीडिया रिपोर्ट में खराजी ने कहा कि अमेरिकी प्रशासन के मौजूदा व्यवहार में हमें एक मनोवैज्ञानिक युद्ध दिखता है, जो ‘या तो युद्ध या बातचीत’ की नीति को बढ़ावा देता है। ट्रंप के हालिया पत्र और अमेरिकी अधिकारियों के बयान ईरान के लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। अमेरिका का मकसद ईरान में ध्रुवीकरण पैदा करना है। ऐसे में यहां कुछ लोगों को लगता है कि ट्रंप वास्तव में तेहरान और वाशिंगटन के बीच संबंध सुधारना चाहते हैं। ईरान ने अमेरिकी के असली इरादों पर सवाल उठाए। उनका मकसद आर्थिक प्रतिबंधों और सैन्य खतरों की छाया में बातचीत का न्योता देना है। ईरान ने साफ कहा है कि ऐसे माहौल में बातचीत में सिद्धांतों की कमी है, पिछले अनुभवों को देखें तो अमेरिका पर भरोसा नहीं किया जा सकता। ट्रंप को लेकर ईरान इसलिए चिंतित है क्‍योंकि सात साल पहले ट्रंप ने ईरान को धोखा दिया था। तब साल 2015 में बराक ओबामा सरकार द्वारा साइन किए गए परमाणु समझौते से ट्रंप पीछे हट गए थे। ईरान पर दबाव बनाने के मकसद से इसके बाद ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान उनपर खूब प्रतिबंध लगाए। अब दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से ही ट्रंप एक बार फिर ईरान के खिलाफ दबाव की रणनीति पर काम कर रहे हैं। ईरान ने साफ कहा है कि ट्रंप की रणनीति एक पक्ष की मांगों को दूसरे पर थोपने के अलावा कुछ नहीं है। डर और धमकी के माहौल में बातचीत नहीं हो सकती। खराजी ने जोर देकर कहा कि ट्रंप को अब तक यह समझ लेना चाहिए था कि ईरानी लोग दबाव या जबरदस्ती के सामने नहीं झुकेंगे, लेकिन विनम्रता और ईमानदारी का सकारात्मक जवाब देंगे। उन्होंने कहा की कि ईरान ने सभी दरवाजे बंद नहीं किए हैं और अप्रत्यक्ष वार्ता के लिए तैयार है ताकि दूसरी ओर के इरादों का आकलन कर सके, अपनी शर्तें रख सके और उचित फैसले ले सके। सिराज/ईएमएस 29 मार्च 2025