लेख
29-Mar-2025
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भारत में बिजली की मांग लगातार बढ़ती चली जा रही है। 2025-26 में भारत का बिजली संकट बहुत तेजी के साथ बढ़ सकता है। भारत में जिस तरीके का जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उसके कारण भारत में तापमान बढ़ने से बिजली की मांग बढ़ेगी।बर्कले केलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने भारत में हो रहे जलवायु परिवर्तन को लेकर एक बड़ी चिंता जताई है। विश्वविद्यालय के शोध में बताया गया है। भारत में अगले एक दशक में तापमान बड़ी तेजी के साथ बढ़ेगा। तापमान बढ़ने से 13 से 15 करोड़ नये एयर कंडीशनर की जरूरत भारत को होगी। भारत में 2035 तक बिजली की मांग 180 गीगावॉट से अधिक की वृद्धि हो सकती है। जिसके कारण भारत में बिजली का उत्पादन और खपत के बीच में भारी असंतुलन देखने को मिलेगा। शोध में कहा गया है, भारत को इस स्थिति से निपटने के लिए अभी से प्रयास करने होंगे। भारत में अभी हर साल एक से डेढ़ करोड़ एसी बढ़ते हैं । जिस तरह से भारत का तापमान बढ़ रहा है। इससे बिजली की मांग तेजी से बढ़ना तय माना जा रहा है। भारत में बिजली की आपूर्ति और मांग के बीच में अंतर बढ़ता चला जा रहा है। 2026 के शुरुआत में ही भारत को बिजली संकट से जूझना पड़ सकता है। पिछले वर्ष भारत में अधिकतम बिजली की मांग 30 मई को 250 गीगावाट को पार कर गई थी। जो अनुमान से 6.3 फ़ीसदी ज़्यादा थी। शोध में इस तथ्य का उल्लेख किया गया है। भारत में बिजली की घरेलू खपत 2012-13 से 22 फ़ीसदी की दर से प्रति वर्ष बढ़ रही है। जो 2022-23 में बढ़कर 25 फ़ीसदी हो गई थी। वैश्विक विशेषज्ञों का मानना है, भारत में जिस तेजी के साथ जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ता चला जा रहा है। इससे भारत में एयर कंडीशनर की मांग बढ़ेगी। बिजली की खपत भी बड़ी तेजी के साथ साल दर साल बढ़ेगी। सारी दुनिया के देशों में जलवायु परिवर्तन को लेकर तापमान बढ़ने के कारण कई देशों को परेशानी से गुजरना पड़ रहा है।भारत,चीन,नाइजीरिया,इंडोनेशिया,पाकिस्तान, बांग्लादेश, ब्राजील, फिलिपीन के साथ-साथ अब अमेरिका में तेजी के साथ तापमान बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने के कारण इन देशों में बिजली की मांग भी बढ़ेगी। तापमान बढ़ने के कारण, इसका असर कई सेक्टरों में देखने को मिलेगा। तापमान बढ़ने से कृषि उत्पादन भी प्रभावित होगा। आम आदमियों की मुश्किलें भी तापमान बढ़ने के कारण बढ़ने जा रही हैं। भारत जैसे देश में पेयजल का संकट भी आने वाले वर्षों में बढ़ना तय माना जा रहा है। भारत की बिजली कंपनियॉ घाटे में चल रही हैं। लगभग सभी बिजली उत्पादक और वितरण कंपनियॉ भारी कर्ज में हैं। थर्मल पावर स्टेशन से विद्युत उत्पादन साल -दर साल मंहगा होता जा रहा है। सोलर विद्युत उत्पादन को लेकर भारत सरकार और राज्य सरकारों ने जिस तरह की नीतियॉ लागू की हैं। उससे बड़े पैमाने पर विद्युत उत्पादन बढ़ सकता था। सस्ती बिजली उपलब्ध होती। किन्तु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों की गलत नीतियों के कारण सौर उर्जा का उपयोग भारत में नहीं हो पर रहा है। भारत को इस संकट से निपटने के लिए अभी से जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में विशेष ध्यान देने की जरूरत है। भारत को प्राकृतिक संरक्षण की ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। भारत में बढ़े पैमाने पर पूरे वर्ष सौर उर्जा उपलब्ध है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों को सौलर पैनल एवं बैटरी में आम आदमी को रियायत दी जाएगी। ऐसी स्थिति में घर - घर में बिजली उत्पादन संभव है। सरकार को इस दिशा में टोस कार्यवाही करनी चाहिए। ईएमएस/29/03/2025