28-Mar-2025
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- संयंत्र की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 1 लाख बोतल की होगी प्रयागराज (ईएमएस)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटी) को प्रयागराज के सरस्वती हाई-टेक सिटी में रेल नीर संयंत्र स्थापित करने के लिए 2.5 एकड़ जमीन आवंटित की गई है। इस परियोजना में 25 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है और इसका उद्देश्य रेलवे यात्रियों को उच्च गुणवत्ता वाला शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीएसआईडीए) प्रदेश में औद्योगिक बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयासरत है। 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के तहत प्रयागराज में यह संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता प्रतिदिन 1 लाख बोतल की होगी। - उत्तर प्रदेश में तीसरा रेल नीर संयंत्र आईआरसीटी पूरे देश में कई रेल नीर संयंत्र संचालित करता है, जिनमें से दो पहले से ही उत्तर प्रदेश में कार्यरत हैं। जिसमें अमेठी रेल नीर संयंत्र की स्थापना जून 2015 में हुई थी। और इस संयंत्र से लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी जैसे प्रमुख रेलवे स्टेशनों को पेयजल की आपूर्ति होती है। दूसरा रेल नीर संयंत्र हापुड़ में है। जिसकी क्षमता 72 हजार बोतल प्रति दिन की है। यह संयंत्र पीपीपी मॉडल के तहत संचालित होता है। अब, प्रयागराज में बनने वाला यह तीसरा संयंत्र प्रदेश में रेलवे यात्रियों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाएगा। रेल नीर संयंत्र के लाभ इस परियोजना से रेलवे स्टेशनों पर उच्च गुणवत्ता वाला पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से नए रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। ऐसी परियोजनाओं से अन्य निवेशकों को भी प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह संयंत्र प्रयागराज रेलवे स्टेशन से 5 किमी, प्रयागराज हवाई अड्डे से 25 किमी और प्रमुख राजमार्ग से 15 किमी की दूरी पर स्थित होगा, जिससे इसके संचालन और परिवहन में आसानी होगी। यूपीएसआईडीए के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने कहा, सरस्वती हाई-टेक सिटी में रेल नीर संयंत्र की स्थापना से प्रदेश में औद्योगिक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे रेलवे यात्रियों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा, स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और उत्तर प्रदेश को औद्योगिक निवेश के लिए एक आदर्श गंतव्य बनाने में मदद मिलेगी। सरकार की यह पहल न केवल रेलवे यात्रियों के लिए राहतदायक होगी, बल्कि उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास की गति को भी और अधिक तेज करेगी।