अंतर्राष्ट्रीय
28-Mar-2025
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डिपोर्ट हो रहे प्रवासियों से फिलहाल भर हुई इनकी जेल वाशिंगटन (ईएमएस)। अल सल्वाडोर की मेगा-जेल अमेरिका से डिपोर्ट हो रहे प्रवासियों से फिलहाल भर रही है। लेकिन बात दें कि अमेरिका अवांछित लोगों को इसतरह ही अल सल्वाडोर की जेल में नहीं भेजा जा रहा है, बल्कि दोनों देशों के बीच इस लेकर एक सौदा हुआ है। इसके बदले में अल सल्वाडोर को मोटी रकम भी मिल रही है। इसकी पुष्टि खुद अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने की थी। ट्रंप प्रशासन ने इसके अलावा कुछ और देशों से इसतरह के सौदे किए हैं। ये देश अमेरिका को जेल ऑन रेंट देकर अच्छी कमाई कर रहे हैं। अमेरिका ने इस काम के लिए शाम, दाम, दंड और भेद की नीति अपनाकर कई सेंट्रल अमेरिकी देशों को अपने यहां से निर्वासित किए गए दूसरे देशों को नागरिकों को रखने के लिए राजी रखा है। इन देशों की सूची में कोस्टारिका, पनामा जैसे देश भी शामिल हैं। ट्रम्प प्रशासन ने मैक्सिको, ग्वाटेमाला, अल साल्वाडोर, होंडुरास, कोस्टा रिका और पनामा के साथ समझौते किए हैं, ताकि वे अमेरिका से निष्कासित प्रवासियों के लिए ठहराव की व्यवस्था करें। इसके लिए इन देशों को अमेरिका मोटी रकम दे रह है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने जब फरवरी में बुकेले से मुलाकात की थी। तब इस समझौते की घोषणा की गई थी। तब रुबियो ने कहा था कि हमारे देश के प्रति असाधारण मित्रता के रूप में अल सल्वाडोर ने दुनिया में सबसे असाधारण और अभूतपूर्व इमीग्रेशन समझौते को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा था कि यह देश अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले अल सल्वाडोर के नागरिकों को वापस लेता रहेगा। अमेरिका के अन्य अवैध प्रवासियों को भी अल सल्वाडोर की जेल में रखा जा सकेगा। बुकेले ने इस समझौते की पुष्टि करते हुए लिखा कि हम केवल दोषी अपराधियों (जिसमें अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं) को अपने मेगा-प्रिजन में रखने को तैयार हैं, लेकिन इसके बदले एक शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह शुल्क अमेरिका के लिए अपेक्षाकृत कम होगा, लेकिन हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा और इससे हमारी पूरी जेल व्यवस्था आत्मनिर्भर बन सकेगी। आशीष दुबे / 28 मार्च 2025