सहरसा,(ईएमएस)। बिहार के सहरसा जिले में दुर्गा मंदिर के प्रांगण में कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार द्वारा सभा किए जाने के बाद क्षेत्र के ही कुछ युवकों ने वहां गंगाजल से सफाई की। इस घटना ने राजनीतिक माहौल गरमा दिया है, कांग्रेस और बीजेपी के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। दरअसल कन्हैया कुमार पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा के दौरान मंगलवार देर रात बनगांव के दुर्गा मंदिर पहुंचे थे, जहां उन्होंने सभा को संबोधित किया। उनके भाषण के अगले दिन, स्थानीय युवकों ने मंदिर प्रांगण को गंगाजल से धोया। नगर पंचायत बनगांव के वार्ड पार्षद प्रतिनिधि अमित चौधरी के नेतृत्व में विष्णु, माखन, आनंद, सूरज, सरोज और बादल ने सफाई अभियान को अंजाम दिया। इनका कहना था कि कन्हैया पर पहले देशद्रोह का आरोप लग चुका है और उनके विवादित बयान सभी को याद हैं, इसलिए मंदिर प्रांगण को पवित्र करने के लिए यह कदम उठाया गया। राजनीतिक वाद-विवाद शुरु इस घटना के बाद कांग्रेस और बीजेपी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन गुप्ता ने कहा, क्या अब सिर्फ आरएसएस और बीजेपी समर्थकों को ही धार्मिक माना जाएगा और बाकी लोग अछूत हो गए हैं? यह कृत्य भगवान परशुराम के वंशजों का अपमान है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने पलटवार करते हुए कहा, अगर स्थानीय लोगों ने मंदिर को धोया है, तो यह दर्शाता है कि जनता कन्हैया कुमार की राजनीति को नकार रही है। इस विवाद में पड़ने से इंकार कर रहे कन्हैया कुमार ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ बनगांव के स्थानीय लोगों ने इस घटना पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर सभी वर्गों और समुदायों के लिए खुला है और इसे लेकर विवाद नहीं होना चाहिए। कन्हैया की पदयात्रा कन्हैया कुमार बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पलायन रोको-नौकरी दो पदयात्रा पर निकले हैं। यात्रा का पहला चरण 16 मार्च को पश्चिमी चंपारण से शुरू हुआ। अभियान की समाप्ति 31 मार्च को किशनगंज में होगी। अब इस मामले ने धार्मिक और राजनीतिक विवाद का रूप ले लिया है, जिससे बिहार की सियासत गरमा गई है। हिदायत/ईएमएस 28मार्च25