नई दिल्ली,(ईएमएस)। जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग केस में जेल में बंद बारामूला के निर्दलीय सांसद अब्दुल राशिद शेख उर्फ इंजीनियर राशिद को दिल्ली हाईकोर्ट ने कस्टडी पैरोल पर संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी है। हालांकि, इसके लिए उन्हें जेल से संसद तक की यात्रा और सुरक्षा व्यवस्था पर रोजाना 1.45 लाख रुपये अपनी जेब से खर्च करने होंगे। इस वित्तीय बोझ से राहत पाने के लिए राशिद ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर की है। सांसद राशिद के वकील ने दलील दी कि 1.45 लाख रुपये प्रतिदिन का खर्च उनकी वित्तीय क्षमता से बाहर है। याचिका में कहा गया, कि राशिद अपने संवैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए संसद सत्र में भाग लेना चाहते हैं, इसलिए उन पर इतना भारी वित्तीय बोझ नहीं डाला जाना चाहिए। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 अप्रैल तक हिरासत में रहते हुए राशिद को लोकसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति दी थी। अदालत ने एनआईए की इस दलील को खारिज कर दिया था कि राशिद देश छोड़कर भाग सकते हैं। हालांकि, परिवहन और सुरक्षा खर्च राशिद को खुद वहन करने का निर्देश दिया गया। यदि खर्च की बात की जाए तो 1.45 लाख रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 6 दिनों के लिए कुल खर्च 8.74 लाख रुपये खर्च करने होंगे। तिहाड़ जेल अधिकारियों ने 26 मार्च को राशिद की कानूनी टीम को ईमेल के जरिए यह जानकारी दी। राशिद ने अब इस फैसले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। यह मामला दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ के समक्ष है, जिस पर सुनवाई होनी है। इंजीनियर राशिद ने इससे पहले ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें कस्टडी पैरोल या अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में भाग लेने की उनकी मांग मंजूर कर ली। क्या है मामला गौरतलब है कि साल 2017 के टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने इंजीनियर राशिद को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (ऊपा) के तहत 2019 में गिरफ्तार किया था। उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है। बावजूद इसके, उन्होंने जेल से ही 2024 लोकसभा चुनाव लड़ा और बारामूला सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन को हराया। हिदायत/ईएमएस 28मार्च25