ज़रा हटके
28-Mar-2025
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लंदन (ईएमएस)। इंग्लैंड के केंट में रहने वाली 98 वर्षीय हिल्दा लेवी को लोग एक गरीब महिला मानते थे। उनके बारे में किसी ने नहीं सोचा था कि वे करोड़ों की मालकिन हो सकती हैं। लेकिन उनकी मृत्यु के बाद जब उनकी वसीयत खोली गई, तो वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। वसीयत में पता चला कि हिल्दा के पास 1.4 मिलियन पाउंड यानी करीब 16 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। हिल्दा लेवी की वसीयत में यह साफ किया गया था कि उनकी संपत्ति का बड़ा हिस्सा समाज सेवा में दान किया जाएगा। उन्होंने लगभग साढ़े 5 करोड़ रुपये अपने दोस्तों और कैंटरबरी अस्पताल को दिए। इसके अलावा, करीब 3 करोड़ रुपये लंदन के व्हाइटेबल हेल्थकेयर और मूरीफिल्डस आई हॉस्पीटल के नाम कर दिए। जब यह खबर फैली तो लोग हैरान रह गए कि जिस महिला को वे साधारण और जरूरतमंद समझते थे, वह वास्तव में करोड़ों की मालकिन थी। हिल्दा की जिंदगी के बारे में पड़ताल करने पर पता चला कि वे जर्मनी से इंग्लैंड एक शरणार्थी के रूप में 1930 के दशक में आई थीं। उनके परिवार की मृत्यु होलोकॉस्ट में हो गई थी, और वे अनाथ हो गई थीं। इंग्लैंड में एलन जेफरी नाम की महिला ने उन्हें गोद लिया था और तभी से उन्होंने अपना जीवन वहीं बिताया। वे डॉक्टर फ्रीडरिक और मिसेज़ इर्मा लेवी की बेटी थीं। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि हिल्दा के पास इतना पैसा आखिर आया कहां से? जब इस पर जांच की गई, तो पता चला कि उन्हें यह संपत्ति अमेरिका में बसे उनके एक अंकल से विरासत में मिली थी। उनके अंकल ने अपनी 300 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की संपत्ति को अपने भाई-बहनों और रिश्तेदारों में बांट दिया था, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा हिल्दा को मिला। हालांकि, उन्होंने कभी इस संपत्ति का दिखावा नहीं किया और साधारण जीवन जीती रहीं। सुदामा/ईएमएस 28 मार्च 2025