ज़रा हटके
28-Mar-2025
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सिडनी,(ईएमएस)। ब्रेस्‍ट कैंसर के सबसे घातक रूपों में से एक ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (टीएनबीसी) के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ता नैनोकणों का विकास कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शोधकर्ता एक नए लौह-आधारित नैनोकणों, या नैनो-एडजुवेंट्स को डिजाइन कर रहे हैं। इसके तहत बालों के एक ही रेशे पर हजारों नैनोकणों को फिट किया जा सकता है। इसका उद्देश्‍य टीएनबीसी के खिलाफ शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को मजबूत करना है। रिपोर्ट में एआईबीएन के प्रोफेसर के मुताबिक अन्य ब्रेस्‍ट कैंसरों के विपरीत, टीएनबीसी में अन्य कैंसरों के खिलाफ इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ पारंपरिक उपचारों द्वारा लक्षित प्रोटीन की कमी होती है, जिससे प्रभावी उपचार करना चुनौती बन जाता है। उन्होंने कहा, कि इम्यूनोथेरेपी के बावजूद, ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर के खिलाफ इसकी प्रभावशीलता बेहद सीमित है। इससे प्रभावी उपचार नहीं हो पाता। ऐसी अवस्‍था में शोध के जरिए नए विकल्प की तलाश की जा रही है। प्रोफेसर के मुताबिक नैनोकणों को ट्यूमर माइक्रो एनवायरनमेंट के भीतर टी-कोशिकाओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उपयोग की जाने वाली श्वेत रक्त कोशिकाओं की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इससे कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने की प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता में वृद्ध‍ि होती है। इस शोध परियोजना का उद्देश्य ब्रेस्‍ट कैंसर के उपचार को और प्रभावी बनाना है। यह नई पहल न केवल टीएनबीसी के लिए, बल्कि डिम्बग्रंथि के कैंसर के उपचार के जिए भी नए मार्ग प्रशस्त करेगी। उम्मीद की जा रही है कि यह सफलता इम्यूनोथेरेपी को अधिक प्रभावी बनाकर कैंसर उपचार को बदल देगी। एआईबीएन के निदेशक ने कहा कि यह शोध विज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाएगा और ऐसे नए उपचार खोजेगा, जो इस कैंसर से लड़ने के हमारे तरीके को बदल देंगे। यह जीवन व मृत्‍यु के बीच संघर्ष कर रहीं महिलाओं के लिए आशा की किरण बनेगा। सिराज/ईएमएस 28 मार्च 2025