महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बारे में भद्दी पैरोडी करने के चलते कुणाल कामरा विवादों में है, इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज हो गई है और पुलिस जांच कर रही है। हास्य, उसे कहते हैं, जो सबके होठों पर मुस्कान ले आये, जो सबको खिल-खिला कर हंसने पर मजबूर कर दे। एक विचारधारा वाले हंसें और दूसरी विचारधारा वाले आक्रोशित हो जायें, इसे हास्य नहीं कह सकते, ऐसा तो हर दिन राजनेता कर ही रहे हैं, ऐसे विषयों पर अलग से कॉमेडी करने की आवश्कयता ही नहीं है, इसीलिये कुणाल कामरा के पिछले वीडियो भी सराहनीय नहीं कहे जा सकते हैं, यह हास्य और व्यंग्य की ओट में भद्दी टिप्पणी करने को लेकर कुख्यात है। कुणाल कामरा उच्चतम न्यायालय, मुख्य न्यायाधीश, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य तमाम विशिष्ट व्यक्तियों पर भद्दी टिप्पणी करता रहा है, इससे स्पष्ट है कि यह हास्य कलाकार नहीं बल्कि, कलंककार है। एकनाथ शिंदे ने कुणाल कामरा को सुपारी किलर भी करार दिया है, इस विवाद पर ही चर्चा कर रहे हैं बीपी गौतम... यह है ताजा प्रकरण कुणाल कामरा ने फिल्म दिल तो पागल है के एक गाने की भद्दी पैरोडी बनाई, जिसमें एकनाथ शिंदे का नाम लिये बिना उन्हें गद्दार कहा था। उन्होंने 2022 में शिवसेना और 2023 में एनसीपी के टूटने पर भी व्यंग्य किया था, इस सब पर महाराष्ट्र में सियासी तूफान खड़ा हो गया। शिवसेना समर्थक आक्रोशित हो उठे, उन्होंने रविवार रात खार के हेबिटेट कॉमेडी क्लब में तोड़-फोड़ कर दी थी, यहां शो हुआ था, साथ ही क्लब के होटल को भी नुकसान पहुंचा। शिवसेना विधायक मुरजी पटेल की शिकायत पर खार पुलिस ने कुणाल कामरा के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दर्ज कर लिया, वहीं एकनाथ शिंदे गुट के 40 कार्यकर्ताओं पर शो के वेन्यू में तोड़-फोड़ करने का भी मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार को पुलिस ने शिवसेना नेता राहुल कनाल सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्हें न्यायालय ने जमानत दे दी। पुलिस ने कुणाल कामरा को जारी किया दूसरा नोटिस मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को दूसरा नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विरुद्ध कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में खार पुलिस स्टेशन में जांच अधिकारी के सामने कुणाल कामरा को पेश होने को कहा गया है, यह शिकायत शिवसेना विधायक मुरजी पटेल ने दर्ज कराई थी, इससे मंगलवार को पुलिस ने कुणाल कामरा को पहला नोटिस भेजा था। सूत्रों के अनुसार कुणाल कामरा ने जवाब में एक हफ्ते का समय मांगा था लेकिन, पुलिस ने अब उन्हें दूसरा नोटिस जारी कर दिया है। अभिव्यक्ति की सीमा होनी चाहिये: शिंदे उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कटाक्ष की तुलना किसी के विरुद्ध बोलने के लिये सुपारी लेने से की, उन्होंने कुणाल कामरा की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुये कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है और हमें भी व्यंग्य समझ में आता है लेकिन, इसकी एक सीमा होनी चाहिये, इसके अलावा उन्होंने विधान परिषद में विरोधियों को आत्ममंथन करने की सलाह देते हुये कहा कि जनता के न्यायालय में यह निर्णय लिया गया है कि गद्दार कौन है और खुद्दार कौन है, आईने में देख कर किसी का वंश नहीं बताया जा सकता। शिंदे ने कहा कि चाहे कितनी भी सुपारी देकर बदनामी की मुहिम चलाई जाये, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। एकनाथ शिंदे ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की बात करने वाले विरोधियों ने महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान कई लोगों की अभिव्यक्ति स्वतंत्रता पर रोक लगाई, उन्होंने कविता पढ़ते हुये कहा कि तुम लाख कोशिशें कर लो हमें गिराने की, हम न बिखरेंगे कभी, उलटा दुगनी रफ्तार से निखरेंगे। उन्होंने कहा कि सत्य को परेशान किया जा सकता है लेकिन, पराजित नहीं किया जा सकता, यदि हम उस तक नहीं पहुंच सके तो, हमें क्या नीचे गिरा देगा? हमसे दुश्मनी मोल लेने से पहले अपना कद बढ़ाओ, यदि समानता होगी तो, प्रतिस्पर्धा मजेदार होगी, सबसे पहले, सोच-विचार कर बड़ा बनो, तुममें से कुछ लोग अहंकार में डूबे हुये हो, अब सुधर जाओ मेरे प्यारे, आप गद्दार-गद्दार कहते रहिये लेकिन, जनता ने तय कर लिया है कि कौन गद्दार है और कौन देशद्रोही, इसलिये आप आईने में देखकर अपनी विरासत नहीं बता सकते। एकनाथ शिंदे ने कहा कि कुछ पाखंडी आगे बढ़ रहे हैं और कुछ पाखंडी समर्थन ले रहे हैं लेकिन, आपके विरोधी जो रोज कर रहे हैं, रोज यह लोग संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी की बात करते हैं, आप एक उंगली दिखाते हैं, चार उंगली आपके सामने हैं। अर्णब गोस्वामी से की थी अभद्रता कुणाल कामरा का जनवरी 2020 में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुणाल कामरा मुंबई से लखनऊ जा रही एक फ्लाइट में सहयात्री पत्रकार अर्णब गोस्वामी को घेरते और उनकी सीट पर जाकर उन्हें परेशान करते हुये दिखे थे, इस घटना के बाद कुणाल कामरा पर दुर्व्यवहार के लिये इंडिगो, एयर इंडिया, गो एयर और स्पाइसजेट जैसी कंपनियों ने छः महीने का प्रतिबंध लगा दिया था, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कुणाल कामरा ने एक वीडियो ट्विटर पर स्वयं पोस्ट किया था। इस दौरान उन्होंने अर्णब गोस्वामी को डरपोक कहा था। एडिटेड वीडियो से उत्पन्न हो गया था विवाद कुणाल कामरा ने मई 2020 में एक एडिटेड वीडियो शेयर किया था, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी के जर्मनी दौरे के समय एक सात साल के बच्चे के गाने के वीडियो से छेड़छाड़ की गई थी, इस पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग कुणाल कामरा के विरुद्ध कार्रवाई की मांग करते हुये तत्काल वीडियो हटाने के लिये कहा था। हालांकि, कुणाल कामरा ने अपने बचाव में कहा था कि यह वीडियो सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध है। अपने पोस्ट में उन्होंने कहा था कि एनसीपीसीआर ने उन पर एक मीम पोस्ट करने के लिये कार्रवाई की मांग की है। अनंत की बीमारी और मोटापे पर की थी भद्दी टिप्पणी कुणाल कामरा हास्य के नाम पर विशिष्ट लोगों के निजी जीवन पर भद्दी टिप्पणी करने को कुख्यात है, इसी क्रम में मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी की बीमारी, मोटापा, उसकी नई नवेली पत्नी पर भी भद्दी टिप्पणी कर चुके हैं। बता दें कि अनंत अंबानी बीमारी और दवाओं के कारण अत्यधिक मोटे हो गये हैं, जिसको लेकर कुणाल कामरा ने भद्दी टिप्पणी की थी, उसकी शादी को लेकर निंदनीय बातें कही थीं। उच्चतम न्यायालय पर की थी टिप्पणी उच्चतम न्यायालय में 2020 में कुणाल कामरा के विरुद्ध एक याचिका दायर हुई थी, जिसमें उन पर अपने शो बी लाइक के दौरान उच्चतम न्यायालय को ब्राह्मण-बनिया का मामला बताने का आरोप लगा था, इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने न्यायपालिका और जजों को सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से कथित तौर पर घेरने के लिये कुणाल कामरा पर अवमानना की कार्रवाई को मंजूरी दी थी। कुणाल कामरा ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ पर भी तंज कसा था। उन्होंने सोशल साइट्स पर पोस्ट कर सुप्रीम कोर्ट को सुप्रीम जोक ऑफ द कंट्री करार दिया था। कुणाल कामरा ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक एडिटेड फोटो भी पोस्ट की, साथ ही सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के विरुद्ध टिप्पणी भी की थी, इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2020 को कुणाल कामरा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। कोर्ट की अवमानना के प्रकरण में अपनी हरकतों पर स्पष्टीकरण देने के लिये कहा गया था। हालांकि, कुणाल कामरा ने स्पष्ट कहा था कि वह अपने बयानों के लिये माफी नहीं मांगेंगे। अपने आधिकारिक बयान में उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला देते हुये बयान वापस लेने से मना कर दिया था। पीएम और एचएम पर करते रहे हैं भद्दी टिप्पणी कुणाल कामरा ने 2021 में कोरोना वायरस महामारी के संकट से निपटने के तरीकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुये आरोप लगाया कि अगर पीएम नरेंद्र मोदी और अन्य नेता जल्दी और प्रभावी ढंग से कदम उठाते तो, कई जिंदगियां बच सकती थीं, इस सबके अलावा वे नरेंद्र मोदी और अमित शाह को भद्दी टिप्पणी और घटिया पैरोडी करते रहे हैं। देवी-देवताओं का किया था अपमान कुणाल कामरा के सितंबर 2022 में हरियाणा के गुरुग्राम में होने वाला एक शो निरस्त कर दिया गया था। कुणाल कामरा पर हिंदू देवी-देवताओं पर अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था। वीएचपी ने गुरुग्राम के उपायुक्त को पत्र लिखा था, साथ ही वीएचपी ने कुणाल कामरा को एक कानूनी नोटिस भी भेजा था और माफी मांगने की मांग की थी, इसके बाद कुणाल कामरा ने वीएचपी को एक खुला पत्र लिखा, उन्होंने संगठन को चुनौती दी कि वह महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की निंदा करें और साबित करें कि वे आतंकवाद विरोधी और हिंदू समर्थक हैं, साथ ही चुनौती दी कि संगठन साबित करे कि उन्होंने हिंदू धर्म का अपमान किया है। भाविश अग्रवाल से भिड़ चुके हैं कुणाल कामरा कुणाल कामरा का ओला इलेक्ट्रिक के सीईओ भाविश अग्रवाल से भी विवाद हो चुका है। कुणाल कामरा ने ओला इलेक्ट्रिक स्कूटी के ग्राहकों की शिकायत नहीं सुलझाने के लिये भाविश अग्रवाल को चेताया था, उनकी समस्याओं का निदान करने या, ग्राहकों के पैसे लौटाने की बात कही थी, इस पर भाविश अग्रवाल ने कुणाल कामरा को ग्राहकों की समस्याओं को सुलझाने में मदद करने या फिर चुप रहने के लिये कहा था, साथ ही भाविश अग्रवाल ने कुणाल कामरा को अपनी कंपनी में नौकरी भी ऑफर कर दी थी। हालांकि कुणाल कामरा ने कहा कि अगर भाविश उनसे सभी ग्राहकों की समस्या शीघ्र सुलझाने का वादा कर दें तो, वे यह काम करने के लिये तैयार हैं। उमर खालिद के समर्थक हैं कुणाल कामरा कुणाल कामरा उमर खालिद के बड़े समर्थक हैं, उनके समर्थन में वे अक्सर बात करते रहते हैं, वे अपने पॉडकास्ट शो शट अप या कुणाल में राजनीतिक-हास्य सहित कई मुद्दों पर बात करते हैं, वह इस शो पर कन्हैया कुमार, उमर खालिद, शेहला राशिद, पत्रकार रवीश कुमार, सांसद असदुद्दीन ओवैसी जैसे बड़े चेहरों को भी बुला चुके हैं। सोशल साइट्स पर तमाम यूजर्स उनके और उमर खालिद के रिश्तों को लेकर निशाना साध चुके हैं। बता दें कि दिल्ली में 2020 में हुई हिंसा में आरोपी उमर खालिद जेल में बंद है, उस पर आतंक-रोधी गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के अंतर्गत मुकदमा दर्ज है। उमर खालिद को दिल्ली के न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी थी तब कुणाल कामरा उनसे मिलने पहुंचे थे, इस दौरान कुणाल कामरा ने अपने पोस्ट में लिखा था कि दिल को समय जैसी किसी अवधारणा का अंदाजा नहीं है। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में 2020 में बाहरी लोगों ने घुसकर कैंपस पर हमला कर दिया था तो, मुंबई में कुणाल कामरा ने उमर खालिद और कुछ अन्य जेएनयू स्टूडेंट्स के साथ मिलकर मार्च निकाला था। ईवीएम के आलोचक हैं कुणाल कामरा कुणाल कामरा सोशल साइट्स पर चुनाव आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर आलोचना करते रहे हैं, इस मुद्दे पर राजनैतिक दलों ने कुणाल कामरा पर तंज भी कसा है। कुणाल कामरा ने फिर निकाली भड़ास विवादों के बीच कुणाल कामरा ने अब म्यूजिक कंपनी टी-सीरीज पर निशाना साधा है, उनका दावा है कि टी-सीरीज ने इस वीडियो की पहुंच को ब्लॉक कर दिया, जिसको लेकर उन्होंने सोशल साइट्स पर जमकर भड़ास निकाली है। कुणाल कामरा ने एक्स पर लिखा है कि हैलो टी-सीरीज कठपुतली न बनें। पैरोडी और व्यंग कानूनी तौर पर उचित उपयोग के अंतर्गत आते हैं। मैंने गाने के बोल या, मूल संगीत का इस्तेमाल नहीं किया। अगर, आप इस वीडियो को हटाते हैं तो, हर कवर सॉन्ग और डांस वीडियो भी हटाना चाहिये। क्रिएटर्स, इसे नोट कर लें। उन्होंने कहा कि भारत में हर बड़ी कंपनी माफिया से कम नहीं। मेरे इस स्पेशल वीडियो को देख लें या, डाउनलोड कर लें, इससे पहले कि यह डिलीट कर दिया जाये। कुणाल कामरा ने बुधवार को एक नया पैरोडी सॉन्ग रिलीज किया, जिसमें उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर तंज कसा और भाजपा पर तानाशाही का आरोप लगाया है। देवेन्द्र फडणवीस ने दिये कार्रवाई के संकेत महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि कुणाल कामरा को उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अपमान करने के लिये माफी मांगनी चाहिये। उन्होंने कहा कि ऐसे कृत्यों का समर्थन करने वाले शहरी नक्सलियों और वामपंथी उदारवादियों को सबक सिखाया जायेगा। महाराष्ट्र विधानसभा में हंगामा होने के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि 2024 के विधानसभा चुनाव के नतीजों ने दिखा दिया है कि कौन गद्दार है और कौन खुद्दार है। लोगों ने शिंदे को शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की विरासत का असली उत्तराधिकारी होने पर अपनी स्वीकृति की मुहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि जनता ने उन लोगों को पराजित कर दिया है, जिन्होंने बाल ठाकरे की विचारधारा के साथ विश्वासघात किया था। देवेन्द्र फडणवीस ने सवाल किया कि क्या कुणाल कामरा महाराष्ट्र की जनता से बड़े हैं? मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को व्यंग्य और हास्य की स्वतंत्रता है लेकिन, जानबूझकर किसी व्यक्ति का अपमान करने की अनुमति नहीं है। कुणाल कामरा ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं वर्तमान उप-मुख्यमंत्री का अपमान करने के बाद संविधान की लाल किताब दिखाई, जिसे राहुल गांधी लेकर चल रहे हैं, दोनों ने संविधान नहीं पढ़ा है, वह यह किताब दिखाकर अपने कृत्य को उचित नहीं ठहरा सकते, न ही बच सकते हैं। देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि संविधान कहता है कि जब आप दूसरों की स्वतंत्रता पर हमला करते हैं तो, आपकी अपनी स्वतंत्रता प्रतिबंधित होती है। उन्होंने कहा कि हमें राजनीतिक व्यंग्य पर कोई आपत्ति नहीं है। हम इसे पसंद करते हैं और इसकी सराहना करते हैं लेकिन, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का अपमान करना और संस्थाओं को निशाना बनाना बर्दाश्त नहीं किया जायेगा और ऐसे कृत्यों का समर्थन करने वाले शहरी नक्सलियों और वामपंथी उदारवादियों को सबक सिखाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जायेगा, हम दबाव के आगे नहीं झुकेंगे और सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा का प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश और न्यायपालिका पर निम्न स्तरीय टिप्पणियां करने का इतिहास रहा है। सदन में हुआ जमकर हंगामा कुणाल कामरा शो विवाद को लेकर महाराष्ट्र विधान सभा में हंगामा हुआ और शिवसेना सदस्यों ने स्टैंड-अप कॉमेडियन के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। शिवसेना के अर्जुन खोतकर ने मुद्दे को उठाया और कुणाल कामरा के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की। मंत्री शंभूराज देसाई ने भी खोतकर की मांग का समर्थन किया, दूसरी ओर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, उनके पुत्र आदित्य ठाकरे एवं पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत पूरी तरह से कुणाल कामरा के समर्थन में खड़े दिखाई दिये। उद्धव ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुये स्पष्ट कहा कि कुणाल कामरा ने गलत क्या कहा है। शिंदे गद्दार हैं तो, हैं। आदित्यनाथ योगी ने यह कहा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कहा कि आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी दूसरे पर व्यक्तिगत प्रहार करने के लिये नहीं हो सकती है। दुर्भाग्य है कि कुछ लोगों ने देश का चीर हरण करना, विभाजन की खाईं को और चौड़ी करने के लिये अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को अपना जन्म सिद्ध अधिकार मान लिया है। कंगना रनौत ने यह कहा भाजपा सांसद कंगना रनौत ने कहा कि आप कोई भी हो लेकिन, किसी का अपमान करना, एक व्यक्ति जिसके लिए उसकी इज्जत ही सब कुछ है और आप उसका अपमान कर रहे हैं यह लोग कौन हैं? कॉमेडी के नाम पर गाली देना, लोगों का मजाक उड़ाना, हमें सोचना चाहिये कि हमारा समाज किस दिशा में जा रहा है। (लेखक, दिल्ली से प्रकाशित हिंदी साप्ताहिक गौतम संदेश के संपादक हैं) (यह लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं इससे संपादक का सहमत होना अनिवार्य नहीं है) ईएमएस / 28 मार्च 25