अंतर्राष्ट्रीय
27-Mar-2025
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वाशिंगटन,(ईएमएस)। यमन में हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी लड़ाकू विमानों द्वारा किए जाने वाले हवाई हमलों की जानकारी लीक होने से अमेरिका में हड़कंप मचा हुआ है। इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रीय खुफिया विभाग की निदेशक तुलसी गबार्ड ने स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले में गलती से एक वरिष्ठ पत्रकार, जेफरी गोल्डबर्ग, को चैट में जोड़ दिया गया था। उन्होंने कहा कि जिस चैट की बात की जा रही है, उसमें अस्पष्ट लेकिन संवेदनशील जानकारी शामिल थी। हालांकि, उसमें हूती विद्रोहियों पर हमले से जुड़ी कोई खुफिया जानकारी नहीं थी। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के सामने सफाई देते हुए तुलसी गबार्ड ने बुधवार को कहा, कि बातचीत अस्पष्ट लेकिन संवेदनशील थी। लेकिन जैसा कि राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, इस चैट में कोई भी गोपनीय जानकारी जैसे कि किस तरह का हमला होगा, किस जगह पर होगा, किस तरीके का होगा - इस तरह की कोई भी जानकारी शामिल नहीं थी। जांच की उठी मांग अमेरिकी सैन्य अभियान की जानकारी लीक होने पर डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं ने रिपब्लिकन पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए इसकी गहन जांच की मांग की है। हाउस इंटेलिजेंस कमेटी ने भी इस मुद्दे पर पूरी तरह से जांच करने का आश्वासन दिया है। हालांकि, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे एक छोटी सी भूल कहकर ज्यादा महत्व न देने की बात कही। व्हाइट हाउस और डेमोक्रेट्स की प्रतिक्रिया बुधवार को डेमोक्रेटिक पार्टी ने रिपब्लिकन्स के इन दावों को खारिज कर दिया। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने मीडिया से बात करते हुए स्वीकार किया कि एक पत्रकार को खुफिया जानकारी मिलना प्रशासन की सबसे बड़ी गलती है। हालांकि, उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि साझा की गई कोई भी जानकारी ऑपरेशन या सैनिकों के जीवन के लिए खतरा नहीं बनी। वहीं, व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविन ने प्रेस से बात करते हुए इस विवाद को डेमोक्रेट्स की राजनीतिक चाल बताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन की ओर से इस बारे में स्पष्ट जानकारी दे दी गई है और अब यह अमेरिका की जनता पर निर्भर करता है कि वे किसकी राय को सही मानते हैं। हिदायत/ईएमएस 27मार्च25