भोपाल, (ईएमएस) । मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार का विकास प्रदेशवासियों का कल्याण तो नहीं कर रहा है, प्रदेश और प्रदेशवासियों के गले में कर्ज के फंदे को जरूर कसता चला जा रहा है। आज ही डा मोहन यादव की सरकार 4400 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से महंगी ब्याज दरों पर ले रही है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने इंदौर जिला समिति की बैठक को संबोधित करते हुए उक्त टिप्पणी की है। माकपा नेता ने कहा है कि इस मार्च के महीने में ही भाजपा ने अभी तक 18400 करोड़ रुपए का कर्जा लिया है। उन्होंने कहा कि मार्च माह की शुरुआत में 5 मार्च को सरकार ने 4000 करोड़ का कर्ज लिया। फिर 12 मार्च को जब भाजपा सरकार विधानसभा में विकास के ऊंचे दावे कर रही थी, उसी दिन वह चार हजार करोड़ का और कर्जा ले रही थी। फिर19 मार्च को डा मोहन यादव सरकार ने 6000 करोड़ का कर्ज लिया है। यदि आज के कर्ज को जोड़ दिया जाए तो इसी माह सरकार ने 18400 करोड़ रुपए का ऋण लिया है। इसे यदि मार्च महीने के 31 दिनों में विभाजित किया जाए तो हर रोज 593.54 करोड़ का ऋण भाजपा की प्रदेश सरकार ने लिया है। माकपा नेता ने कहा है कि 2025-26 का बजट पेश करते समय अनुमान लगाया गया था कि वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश पर 4.99 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो जाएगा। लेकिन यदि राज्य सरकार हर माह इसी रफ्तार से कर्ज लेती है तो बारह महीने में यही कर्ज 2,20,800 करोड़ रुपए हो जाएगा। जसविंदर सिंह ने कहा है कि यह कर्जा प्रदेश का विकास करने के लिए नहीं बल्कि भ्रष्टाचार कर दलाली और कमीशनखोरी के जरिए नेताओं, अफसरों और ठेकेदारों की तिजोरियाँ भरने के लिए लिया जा रहा है। उन्होंने भाजपा सरकार की भ्रष्ट, जनविरोधी और साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने वाली नीतियों को बेनकाब करने का आह्वान किया। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के नेता कैलाश लिंबोदिया ने।.जिला सचिव अरुण चौहान द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर चर्चा कर निर्णय लिए गए। हिदायत/ईएमएस 26मार्च25