व्यापार
26-Mar-2025
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मुंबई (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को कहा कि विनियमनों से वित्तीय समावेश को बढ़ावा देने में अनपेक्षित बाधाएं उत्पन्न नहीं होनी चाहिए। वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) के यहां आयोजित कार्यक्रम में मल्होत्रा ने कहा कि नीति निर्माताओं को भी सावधान रहना चाहिए और अपने उपायों को लेकर अति उत्साही नहीं होना चाहिए। मल्होत्रा ने कहा कि भारत ने वित्तीय समावेश की दिशा में पर्याप्त प्रगति की है। उन्होंने कहा ‎कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि विनियमन वित्तीय समावेश में अनपेक्षित बाधाएं उत्पन्न न करें। हमें उचित संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करते समय ग्राहकों के अधिकारों और सुविधा का ध्यान रखना चाहिए। गवर्नर ने कहा, जबकि हम अपनी वित्तीय प्रणालियों को धन शोधन और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ सुरक्षित बनाने का प्रयास कर रहे हैं, हमें नीति निर्माताओं के रूप में यह भी ध्यान रखना होगा कि हमारे उपाय अति उत्साही न हों और वैध गतिविधियों तथा निवेशों को बाधित न करें। गवर्नर ने संतुलित विनियमन की वकालत करते हुए कहा कि जोखिम आधारित दृष्टिकोण अपनाना लाभकारी होगा तथा लोगों व व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करना आवश्यक है। मल्होत्रा ने कहा ‎कि हम अवैध वित्तीय गतिविधियों को रोकने और उनसे निपटने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन भावनात्मक मुद्दों पर गौर करते हुए, मल्होत्रा ने देश में नए गोपनीयता कानून को लागू करने में मदद मिलने की उम्मीद जताई। इसके साथ ही, गवर्नर ने कहा कि वित्तीय संस्थाओं एवं वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए यात्रा नियम को प्रौद्योगिकी तटस्थ बनाने में मदद मिलेगी। सतीश मोरे/26मार्च ---