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26-Mar-2025
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उपराष्ट्रपति की बैठक में उठी मांग: पारदर्शिता से हो जजों की नियुक्ति सभी ने कहा आचार संहिता तय कर सख्ती से पालन कराएं नई दिल्ली,(ईएमएस)। हाल ही में दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के यहां नगदी मिलने की खबरों के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस मामले को लेकर बैठक बुलाई। इसमें भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई राजनीतिक दलों के नेता मौजूद थे। सभी ने इस पर चिंता जताते हुए एक ही सुर में कहा कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। न्यायिक जवाबदेही तय होनी चाहिए, लेकिन न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर भी कोई असर न पड़े। बैठक में मौजूद खरगे समेत ज्यादातर नेताओं ने कहा कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए और उनके व्यवहार को लेकर भी आचार संहिता तय हो और सख्ती से उसे लागू भी किया जाए। राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ ने मल्लिकार्जुन खरगे की सलाह पर यह बुलाई गई बैठक में चर्चा के दौरान कॉलेजियम सिस्टम की खामियों पर भी बात हुई, जिसमें जज ही जजों के नामों की सिफारिश करते हैं और उन दिए हुए नामों में से ही किसी एक पर सरकार को मुहर लगानी होती है। विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस दौरान न्यायिक नियुक्ति आयोग के गठन का भी सुझाव दिया। केंद्र सरकार इस आयोग के गठन का बिल 2014 में ही लेकर आई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। तब से ही यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच मतभेद का कारण रहा है। अब जस्टिस यशवंत वर्मा वाले मामले से यह मामला फिर से उभऱा है। वीरेंद्र/ईएमएस/26मार्च2025