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22-Mar-2025
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16.97 लाख वॉट्सएप अकाउंट भी ब्लॉक किए गए नई दिल्ली (ईएमएस)। केंद्र की मोदी सरकार ने बताया कि टेलीकॉम फ्रॉड से निपटने के लिए संचार साथ पोर्टल के द्वारा अब तक 3.4 करोड़ से ज्यादा मोबाइल फोन को बंद किया गया है और 3.19 लाख आईएमईआई नंबर को ब्लॉक कर दिया गया है। दूरसंचार विभाग ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा की मदद से 16.97 लाख वॉट्सएप अकाउंट भी ब्लॉक किए गए हैं। राज्यसभा में संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने कहा कि दूरसंचार विभाग की संचार साथी पहल के तहत 20,000 से ज्यादा बल्क एसएमएस भेजने वालों को भी ब्लैकलिस्ट किया है। मोदी सरकार के संचार साथी पोर्टल पर नागरिकों को चक्षु की मदद से संदिग्ध धोखाधड़ी से जुड़े कम्युनिकेशन को रिपोर्ट करने की सुविधा मिलती है। मंत्री डॉ. पेम्मासानी ने कहा कि संदिग्ध धोखाधड़ी से जुड़ी शिकायतें मिलने के बाद दूरसंचार विभाग इनकी जांच करता है। इसके बाद जांच में गलत मिले नंबर को ब्लॉक कर दिया जाता है। व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट किए गए संदिग्ध धोखाधड़ी कम्युनिकेशन पर कार्रवाई करने के बजाय दूरसंचार विभाग अपनी जांच के लिए क्राउड-सोर्स डेटा का इस्तेमाल करता है, ताकि टेलीकॉम रिसोर्सेस का गलत इस्तेमाल होने से रोका जा सके। दूरसंचार विभाग एआई बेस्ड टूल्स और बिग डेटा एनालिसिस के साथ नकली दस्तावेजों पर लिए गए संदिग्ध मोबाइल कनेक्शनों की पहचान करता है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग और दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) ने ऐसी अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉलों की पहचान करने के लिए एक नया सिस्टम तैयार किया है, जो असल में विदेशों से होती हैं और भारत से आने वाली कॉल दिखाती हैं। इस सिस्टम के साथ इस तरह की कॉल की पहचान रियल टाइम में की जा सकती है और नंबर को ब्लॉक कर सकते है। इस बीच, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं ने 1,150 संस्थाओं/ व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया है और 18.8 लाख से ज्यादा रिसोर्सेस को डिस्कनेक्ट कर दिया है। इन कार्रवाइयों के साथ अनरजिस्टर्ड टेलीमार्केटर्स (यूटीएम) के खिलाफ शिकायतों में कमी आई है, जो कि अगस्त 2024 में 1,89,419 थीं और जनवरी 2025 में घटकर 1,34,821 बची है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 12 फरवरी को दूरसंचार वाणिज्यिक संचार ग्राहक वरीयता विनियम (टीसीसीसीपीआर), 2018 में संशोधन किया। अब ग्राहक स्पैम/ अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) को लेकर स्पैम मिलने के सात दिन के भीतर शिकायत दर्ज करा सकता है। पहले यह समय सीमा 3 दिन थी। इसके अलावा, अनसॉलिसिटेड कमर्शियल कम्युनिकेशन (यूसीसी) को लेकर अनरजिस्टर्ड सेंडर के खिलाफ एक्सेस प्रोवाइडर द्वारा कार्रवाई करने की समय सीमा भी 30 दिनों से घटाकर 5 दिन कर दी गई है। आशीष दुबे / 22 मार्च 2025