-हाई स्कूल शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता का नियम असंवैधानिक घोषित जबलपुर, (ईएमएस)। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने शिक्षक भर्ती नियम 2018 के अंतर्गत हाई स्कूल शिक्षक भर्ती के लिए योग्यता के नियम को असंवैधानिक घोषित कर दिया। इसके साथ ही एनसीटीई नियम के अनुरूप योग्यता 50 प्रतिशत व 45 प्रतिशत के आधार पर नियुक्ति की व्यवस्था दे दी। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि एनसीटीई के नियमों को भूतलक्षी प्रभाव (बैकडेट) से लागू कर नियुक्ति प्रक्रिया को गति दे। इसी कड़ी में एससी, एसटी, ओबीसी और दिव्यंगों को योग्यता में पांच प्रतिशत की छूट प्रदान करने के निर्देश दिए गए। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि 2018 की चयन प्रक्रिया में नियुक्त हुए उम्मीदवारों को प्रभावित न किया जाए। वहीं 2023 की चयन प्रक्रिया के लिए राज्य सरकार पूरक चयन प्रक्रिया अपनाएं और उन सभी उम्मीदवारों को उसमें शामिल करें जो इस आदेश के तहत लाभ पाने के हकदार हैं। कोर्ट ने यह पूरी प्रक्रिया दो माह के भीतर पूर्व करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता भिंड निवासी अवनीश त्रिपाठी सहित प्रदेश के सैकड़ों अभ्यर्थियों ने याचिका दायर कर शिक्षक भर्ती नियम 2018 को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से दलील दी गई कि सरकार ने उक्त भर्ती के लिए बीएड के साथ पोस्ट ग्रेजुएट में द्वितीय श्रेणी की योग्यता निर्धारित की थी। कोर्ट को बताया गया कि इससे उम्मीदवारों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में कुछ विश्वविद्यालयों ने 45 प्रतिशत अंक को द्वितीय श्रेणी माना है, जबकि कुछ ने 50 प्रतिशत अंकों को इस श्रेणी में रखा है। इस कारण कई उम्मीदवार प्रभावित हो रहे थे। हाई कोर्ट ने कहा कि इस तरह का भेदभाव नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि एनसीटीई द्वारा सीनियर सेकेंडरी कक्षाओं के लिए निर्धारित योग्यताएं मध्य प्रदेश में हाई स्कूल शिक्षकों के लिए लागू होंगी। सुनील साहू / शहबाज / 19 मार्च 2025/ 09.00